राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं: रिपोर्ट
नई दिल्ली
कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया है कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है, जिससे पता चले कि राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने मौत के आंकड़े को छुपाया है या ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने मृत्यु दर के आंकड़े संशोधित जरूर किए हैं। भारती पवार ने कोरोना से मौतों के आंकड़े छुपाने के विपक्ष के आरापों ये जवाब दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से भी कोई मौत नहीं हुई है। भारती प्रवीण ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में हुई मौतों को उनकी ओर से केंद्र को बताया गया, केंद्र की ओर से जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार मौतों की रिपोर्ट दी गई। किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं रिपोर्ट हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना पर चर्चा के दौरान कहा कि सदन में चर्चा के दौरान मैंने सुना कि जो कोरोना में अच्छा हुआ वो राज्य ने किया और जो खराब हुआ उसके लिए केंद्र जिम्मेदार है। मुझे लगता है कि आपदा के वक्त में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना से मौते के आंकड़े छुपाने की कोई वजह केंद्र के पास नहीं है। भारत सरकार आखिर क्यों आंकड़े छपाएगी? ये आंकड़े राज्य द्वारा भेजे जाते हैं, फिर प्रधानमंत्री कैसे जिम्मेदार हो गए। जब हम तीसरी लहर को लेकर बात करते हैं,तो हमें चाहिए कि सभी लोगों, राज्य सरकारों को सामूहिक निर्णय लेना चाहिए कि हम अपने देश में तीसरी लहर नहीं आने देंगे। हमारा संकल्प और पीएम मोदी का मार्गदर्शन हमें तीसरी लहर से बचा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि 130 करोड़ लोग एक साथ चलेंगे तो आगे बढ़ेंगे।
ऐसे में हमें मिलकर चलने की जरूरत है। कई राज्यों के पास 10-15 लाख वैक्सीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, जब एक साथ काम करने की जरूरत है और राज्यों को क्रियान्वयन करना है। उस समय हमने कभी नहीं कहा कि यह राज्य विफल रहा या उस राज्य ने ऐसा नहीं किया। मैं राजनीति नहीं करना चाहता लेकिन कई राज्यों के पास वैक्सीन की 10-15 लाख डोज हैं, मेरे पास आंकड़े हैं। उन्होंने कहा, कई सवाल उठ रहे हैं, कहते हैं हमने 'थाली-ताली' क्यों बजवाई की? हमने कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा किया।
हमने अपनी सुरक्षा के लिए सड़कों पर खड़े पुलिसकर्मियों के लिए किया, हमने स्वास्थ्य कर्मचारियों के सम्मान में किया। उनके लिए जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान काम किया। मंत्री बनने से पहले मैं पिता हूं। मेरी बेटी ने कोविड वार्ड में एक इंटर्न डॉक्टर के रूप में काम किया। उसने मुझसे कहा कि वह उस वार्ड में ही काम करेगी और उसने जारी रखा। उस समय मुझे थाली-ताली की अहमियत का एहसास हुआ, इसने हमें हिम्मत देने का काम किया।
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