उत्तर प्रदेश

यूपी में बिटक्वाइन का अकेले 10 हजार करोड़ का खेल  

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 कानपुर 
24 लाख रुपए के करीब पहुंची एक बिटक्वाइन की कीमत ने नए निवेशकों को भी आकर्षित किया है। इसके चलते शेयर बाजार और रियल इस्टेट की नींद उड़ गई है। 100 फीसदी रिटर्न के लालच में निवेशकों ने 150 करोड़ रुपए तीन दिन के भीतर इसमें लगा दिए हैं। अकेले यूपी में ही बिटक्वाइन का बाजार 10 हजार करोड़ रुपए का पहुंच गया है। जिसमें कानपुर, प्रयागराज, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा और मुजफ्फरनगर सबसे आगे हैं। क्रिप्टोकरंसी पर निगरानी आरबीआई से लेकर खुफिया आर्थिक एजेंसियों तक के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है।

वेबसाइट्स के जरिए खरीद फरोख्त देश में ऐसी कई वेबसाइट्स हैं, जिनके जरिए बिटक्वाइन को खरीदा-बेचा जाता है। एक तरह से ये एक्सचेंज के रूप में काम करते हैं और ट्रेंडिंग के एवज में ग्राहकों से कमीशन लेते हैं। अभी यूनोक्वाइन, जेबपे,क्वाइनबॉक्स, क्वाइनसिक्योर जैसी कई साइट्स का कारोबार चल रहा है। इसका इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट के लिए किया जाता है। इसमें दो व्यक्ति बिना किसी बैंक, क्रेडिट कार्ड या कंपनी के माध्यम से लेन-देन करते हैं लेकिन बिटक्वाइन की सीरीज में एक-एक पैसे का लेनदेन कोड हो जाता है, वो भी बिना पहचान बताए।

 बिटक्वाइन सीमित संख्या में मिलते हैं। पूरे प्रोसेस में 2.10 करोड़ बिटक्वाइन ही पैदा हो सकते हैं। अभी तक 1.30 करोड़ बिटक्वाइन की माइनिंग हो चुकी है, यानी बाहर आ चुके हैं। 80 लाख बिटक्वाइन की माइनिंग बाकी है, यही वजह है कि इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। बिटक्वाइन की माइनिंग यानी निर्माण में बिजली की खपत बेतहाशा होती है। एक बिटक्वाइन के पूरे संचालन सौदे में करीब 300 kwh बिजली लगती है। इतनी बिजली से 36000 केतलियों में पानी गरम हो सकता है।

 

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