यंगून
म्यांमार की नई सैन्य सरकार ने विरोध प्रदर्शनों की आवाज को दबाने के लिए सोमवार को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर रोक लगा दी। उल्लेखनीय है कि फेसबुक खासतौर पर म्यांमार में बहुत लोकप्रिय है और यहां अधिकतर लोगों तक अब इंटरनेट की पहुंच है। सेना ने सोमवार को संसद का नया सत्र शुरू होने से पहले ही तख्तापलट पर दिया था और आंग सांग सू की सहित अन्य शीर्ष राजनीतिज्ञों को हिरासत में ले लिया था।
सैन्य सरकार के खिलाफ सांसदों की मीटिंग
तख्तापलट के खिलाफ हाल में निर्वाचित करीब 70 सांसदों ने बृहस्पतिवार को नई सैन्य सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए संसद की सांकेतिक बैठक बुलाई। सांसदों के मुताबिक अनौपचारिक रूप से संसद की बैठक बुलाना सांकेतिक था जिसमें उन्होंने संदेश दिया कि सेना नहीं बल्कि वे देश के वैध विधि निर्माता हैं। कुछ सांसदों ने अतिथि गृह छोड़ते हुए गुस्से का इजहार किया और तख्तापलट का विरोध करने की प्रतिबद्धता जताई।
फिर चुनाव आयोजित करेगी म्यांमार सेना
सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेटिक के सदस्य सोय सोय ची ने कहा कि यह सभी नागरिकों के मानवाधिकार का उल्लंघन हैं। यह तख्ता पलट नहीं है बल्कि सरकार के खिलाफ राजद्रोह है। मैं कहना चाहूंगा कि यह देशद्रोह है। सेना ने घोषणा की है कि वह एक साल के लिए आपातकाल की स्थिति के तहत शासन करेगी और फिर चुनाव आयोजित करेगी जिसमें जीतने वाले सरकार का कार्यभार संभालेंगे।
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