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मौसम की मार से देश में हर साल 7 लाख की मौत

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नई दिल्ली

जलवायु परिवर्तन कितनी गंभीर चुनौती है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत में हर साल करीब 7.40 लाख लोग असामान्य ठंड या गर्म तापमान की वजह मर रहे हैं। मशहूर मेडिकल जर्नल लेंसेंट की एक स्टडी में यह बात कही गई है।

ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की अगुआई में एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पाया कि असामान्य तापमान की वजह से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक मौतें हो रही हैं। इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मौतों का यह आंकड़ा कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनियाभर में हुई कुल मौतों से अधिक है।

बुधवार को प्रकाशित स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है सभी क्षेत्रों में 2000 से 2019 के बीच गर्म तापमान की वजह से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है, जो दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग से भविष्य में मौतों का आंकड़ा और अधिक बढ़ेगा।

भारत में असामान्य सर्द तापमान की वजह से सालाना 6,55,400 मौतें होती हैं तो गर्म तापमान से जुड़ी मौतों की संख्या करीब 83,700 है। टीम ने 2000 से 2019 के बीच मृत्युदर और तापमान का अध्ययन किया, जिस अवधि में वैश्विक तापमान में प्रति दशक 0.26 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है।

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