सियासत

ममता के नजदीकी रहे पीरजादा अब्बास सिद्दीकी 21 जनवरी को बनाएंगे नई पार्टी 

कोलकाता
सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली फुरफुरा शरीफ दरगाह के संस्‍थापक पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने बड़ा सियासी ऐलान किया है। पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले बुधवार को सिद्दीकी ने घोषणा की कि वह 21 जनवरी को एक अलग राजनीतिक दल बनाएंगे। कुछ दिनों पहले उन्‍होंने AIMIM अध्‍यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से भी मुलाकात की थी। लंबे वक्त से सिद्दीकी मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों में से एक रहे हैं। हालांकि कुछ वक्त से सिद्दीकी ममता के खिलाफ बयान दे रहे हैं और खुले रूप में टीएमसी का विरोध भी कर रहे हैं। बता दें कि बंगाल के हुगली में फुरफुरा शरीफ का विख्यात दरगाह है। दक्षिण बंगाल में इस दरगाह का विशेष दखल है। लेफ्ट फ्रंट सरकार के दौरान इसी दरगाह की मदद से ममता ने सिंगूर और नंदीग्राम जैसे दो बड़े आंदोलन किए थे। पश्चिम बंगाल की सियासत में 31 फीसदी वोटर्स मुस्लिम हैं। पीरजादा अब्बास सिद्दीकी जिस फुरफुरा शरीफ दरगाह से जुड़े हैं, उसे इस मुस्लिम वोट बैंक का एक गेमचेंजर माना जाता है।

38 वर्षीय अब्बास सिद्दीकी एक समय ममता बनर्जी के मुखर समर्थक थे। मगर बीते कुछ महीनों से उन्होंने ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सिद्दीकी ने ममता सरकार पर मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। बंगाल की करीब 100 सीटों पर फुरफुरा शरीफ दरगाह का प्रभाव है। ऐसे में चुनाव से पहले दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की नाराजगी मोल लेना ममता के लिए सियासी रूप से फायदे का सौदा नहीं साबित होने वाला है।

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