नई दिल्ली
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीनके बाद रविवार को भारत बायाटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। कोवैक्सीन को अनुमति दिए जाने को लेकर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। कई एक्सपर्ट ने कहा है कि कोवैक्सीन के पहले और दूसरे फेज के ट्रायल के जो नतीजे हैं, वो अच्छे हैं लेकिन नवंबर में शुरू हुए तीसरे फेज के ट्रायल का डेटा अभी तक पूरा नहीं आया है। ऐसे में तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे आने से पहले वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े होते हैं।
वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन की क्लोज मॉनिटरिंग की अपील की है। इंडियन एक्सप्रेस से एक बातचीत में अशोक विश्वविद्यालय में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के वायरोलॉजिस्ट और निदेशक शाहिद जमील ने कहा, किसी भी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए भी प्राधिकरण को प्रभावकारिता डेटा की आवश्यकता होती है। ये भारतीय टीके आखिरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी जाएंगे। ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे नियामक संस्थानों में विश्वास हो।
You Might Also Like
बेंगलुरु में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 एक भीषण हादसा , जिसमें एक सीईओ के परिवार के 6 लोगों की मौत हुई
बेंगलुरु बेंगलुरु के बाहरी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-48 एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें एक सीईओ के परिवार के 6 लोगों...
हमारी सरकार ने पिछले एक या डेढ़ साल में लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली देशभर में 45 जगहों पर आयोजित किए गए रोजगार मेले में 71 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को सरकारी...
आरएसएस चीफ मोहन भागवत के हालिया बयान पर संत समाज की प्रतिक्रिया आई
नई दिल्ली आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का हिंदू समाज को लेकर बयान चर्चा में है. अब देश के दो बड़े...
राम जन्मभूमि केस हिंदुओं ने साक्ष्य के आधार पर जीता है, न कि आस्था के आधार पर: पीएन मिश्र
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एन.मिश्र ने कहा कि रामजन्म भूमि केस पर निर्णय आए पांच साल हो...