मध्य प्रदेश

भागवत कथा में रुक्मणी मंगल का हुआ विवाह -पंडित घनश्याम शास्त्री

  

 

ग्वालियर  

माधव बाल निकेतन  एवं  वृद्ध आश्रम कमानी पुल के पास लक्ष्मीगंज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक पंडित घनश्याम शास्त्री जी महाराज ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना। श्रीकृष्ण-रुक्मणि का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

 

श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए।  एव। प्रसंग में शास्त्री ने कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्री-ष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन भगवान श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मागज्‌ रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया। भागवत आरती में नूतन श्रीवास्तव मौजूद रहे।

आज कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर पूर्व सभापति राकेश माहोर पूर्व साडा अध्यक्ष जय सिंह कुशवाहा लाल टिपारा संत श्री बिशेषवानंद जी महाराज, अशोक निगम अवधेश श्रीवास्तव युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय जैन बृज मोहन श्रीवास्तव धर्मेंद्र यादव विष्णु श्रुति पंकज गुप्ता पार्षद दिनेश दीक्षित धर्मेंद्र राणा विशेष रूप से उपस्थित थे।

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