मध्य प्रदेश

बरकरार रहेगी OBC आरक्षण पर रोक, हाईकोर्ट में 15 मार्च को अंतिम सुनवाई

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जबलपुर
ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से अधिक करने वाले राज्य सरकार के निर्णय पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक हटाने से इंकार कर दिया है। याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक खान और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने दायर सभी याचिकाओं की एक साथ अंतिम सुनवाई करने 15 मार्च की तारीख तय कर दी है। साथ ही अलग-अलग याचिकाओं में जो जवाब नहीं आए हैं उन्हे भी 15 मार्च तक हर हाल में पेश करने सरकार को कहा है।

उल्लेखनीय है कि इस मामले पर अब तक कुल 29 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। इन सभी याचिकाओं में साल 2019 में राज्य सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने को चुनौती दी गई है। इसमें प्रमुख रुप से सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी केस का हवाला दिया गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं किया जा सकता। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल सितम्बर 2020 में महाराष्टÑ सरकार का 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिए जाने वाला एक निर्णय निरस्त कर दिया था। यही हवाला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दिया गया है कि मध्यप्रदेश सरकार के 14 से बढ़ा कर 27 फीसदी आरक्षण करने से कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से पार हो रहा है जो कि नहीं किया जा सकता।

मामले पर जबलपुर निवासी अमिता दुबे एक याचिकाकर्ता हैं तो ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने निर्णय के समर्थन में याचिका दाखिल कर रखी है। अधिवक्ता आदित्य संघी, ब्रह्मेंद्र पाठक, हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह, विनायक शाह तथा राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव पक्ष रख रहे हैं।

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