कानपुर
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित विकास दुबे केस में छह महीने से फरार चल रहे इनामी बदमाश विपुल दुबे को पुलिस ने छह महीने बाद सजेती क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। वह घटना के बाद से ही फरार था और गिरफ्तारी पर आईजी ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था। क्राइम ब्रांच, एसटीएफ की टीमें घाटमपुर पहुंच गई हैं। विपुल से पूछताछ कर रही हैं। दो जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मयों की हत्या कर दी थी।
बाद में पुलिस ने विकास दुबे समेत आठ को मुठभेड़ में मार गिराया था। घटना के बाद से ही विपुल दुबे फरार था। पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रहीं थी लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा था। देर रात सजेती पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उसे धरदबोचा है। उसके पास से एक तमंचा और दो कारतूस के साथ बरामद किया गया है। घटना के बाद से अब तक पुलिस ने 42 लोगों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल कर दी थी। विपुल पर घटना की साजिश और विकास दुबे के साथ अपराध में शामिल होने का आरोप है। सीओ घाटमपुर रवि कुमार सिंह ने बताया कि बिकरू कांड के एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने विपुल को सजेती से गिरफ्तार करने का दावा किया। उसके पास तमंचा कारतूस के अलावा कोई बरामदगी की बात सामने नहीं आई है। पूछताछ में पता चला कि उसने मोबाइल का इस्तेमाल ही बंद कर दिया था। मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर देने से सर्विलांस पर भी उसकी लोकेशन नहीं पकड़ में आ रही थी। इस नाते उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
गिरफ्तार किए गए विपुल से पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में पता चला कि घटना के बाद उसने लगातार ठिकाने बदले। कभी इस रिश्तेदार के यहां तो कभी दूसरे के यहां । कई रातें रेलवे स्टेशन, बस अड्डो पर गुजारी। बताया जा रहा है कि वह सजेती इलाके की किसी दुकान में रात बिताने के लिए छिपा था। इसी दौरान पुलिस ने धरदबोचा।
मिली जानकारी के अनुसार दीपावली के दौरान विपुल गांव आया था और तब उसकी लोकेशन कानपुर देहात में मिली थी। एसटीएफ के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया। तबसे उसका पता नहीं लग रहा था। पिछले दिनों पुलिस ने विपुल के खिलाफ इनाम की राशि बढ़वाने की संस्तुति की थी। जिस पर आइजी रेंज मोहित अग्रवाल ने इनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी। आइजी ने बताया कि आरोपित को पकड़ने के लिए तीन टीमें लगी थीं।
बीते साल दो जुलाई की रात चौबेपुर के बिकरू गांव में दबिश देने आई पुलिस टीम पर दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। इसमें बिल्हौर के तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। वारदात के बाद पुलिस ने विकास समेत छह आरोपितों को मुठभेड़ में मार गिराया था। 36 आरोपितों को जेल भेजा गया था। विपुल दुबे ही एकमात्र आरोपित है, जिसे पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है। डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने आरोपित के खिलाफ 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
You Might Also Like
यूपी और पंजाब पुलिस ने मिलकर बड़ा एनकाउंटर किया, 3 आतंकी ढेर
पीलीभीत उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक एनकाउंटर में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के 3...
महाकुंभ 2025 : आधुनिक उपकरणों से स्वच्छता, सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की तैयारी
महाकुंभ नगर. महाकुंभ-2025 में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्नानार्थियों को स्वच्छ और सुविधाजनक वातावरण प्रदान करने के...
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सात जनवरी को बरेली कोर्ट में तलब
बरेली. कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी के आर्थिक सर्वेक्षण संबंधी बयान को लेकर बरेली जिला एवं सत्र न्यायालय ने उन्हें...
महाकुंभ में कॉल करते ही 30 मिनट में पहुंचेगी ऑटोमेटिक ब्लोअर मिस्ट
महाकुंभनगर महाकुंभ में इस बार स्वच्छता के लिहाज से विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। सीएम योगी के निर्देश पर...