अपने बच्चों के लिए सही खिलौने चुनने में पेरेंट्स बहुत समय लगा देते हैं। आप जिस खिलौने को पसंद करने में घंटों लगा देते हैं, बच्चा उससे कुछ साल ही खेल पाता है और बड़ा होने पर वो खिलौने उसके किसी काम के नहीं रहते हैं।
जब बच्चा खिलौनों से खेलना बंद कर देता है, तो पेरेंट्स के लिए इन्हें संभालकर रखना मुश्किल हो जाता है। उन्हें समझ नहीं आता है कि वो इन खिलौनों को कहां रखें या इनका क्या करें।
खिलौनों का क्या करें
अगर आपके बच्चे के ढेरों खिलौने अब बेकार पड़े हैं और घर में उनसे खेलने वाला कोई नहीं है, तो आप उल्हें दान कर सकते हैं। इस तरह से खिलौने उन बच्चों तक पहुंच पाएंगे, जिन्हें सच में इसकी जरूरत हो।
आपकी इस कोशिश से किसी मासूम बच्चे के चेहरे पर मुस्कान आ सकती है। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीके और जगहें बता रहे हैं, जहां आप अपने बच्चों के खिलौनों को दान कर सकते हैं।
कैसे खिलौने कर सकते हैं दान
जो खिलौने अच्छी कंडीशन में हों और ज्यादा इस्तेमाल न किए गए हों, उन्हें दान के रूप में स्वीकार कर लिया जाता है। आप ब्लॉक्स, पजल्स, बोर्ड गेम, स्टफ्ड एनीमल, टॉय कार, क्राफ्ट किट, स्पोर्ट्स किट, एक्टिविटी बुक जैसे कई तरह के टॉएज दान कर सकते हैं।
हालांकि, कई जगहों पर मुंह में लेने वाले खिलौने दान में नहीं लिए जाते हैं जैसे कि पैसिफायर और टीथर आदि। आप खिलौनों को दान करने से पहले कंफर्म कर लें कि उस जगह पर किस तरह के टॉएज लिए जाते हैं।
अब आगे जान लेते हैं कि आप किन जगहों पर बच्चों के खिलौनों को दान कर सकते हैं।
चैरिटी में
आप उन संस्थानों में खिलौनों को दान कर सकते हैं जो चैरिटी करती हों। ये संस्थाएं अनाथ बच्चों को ये खिलौने देती हैं। इसके अलावा इनके द्वारा गरीब परिवारों के बच्चों को भी खिलौने और जरूरी सामान दिए जाते हैं।
शेल्टर या आश्रय स्थल
वुमेन शेल्टर होम में भी आप खिलौनों को दान कर सकते हैं। इन जगहों पर बच्चों के पास बहुत कम चीजें और सुविधाएं होती हैं। ये लोग आपके गिफ्ट और खिलौनों को आसानी से ले लेंगे। आप इन्हें खिलौनों के अलावा कपड़े और टॉयलेटरीज भी दान कर सकते हैं।
इसके अलावा और क्या-क्या दान कर सकते हैं, यह जानने के लिए आप सीधा शेल्टर होम में बात कर सकते हैं।
चिल्ड्रेन होम
आप अनाथ आश्रम में भी बच्चों के खिलौने दान कर सकते हैं। यहां हर उम्र के बच्चे होते हैं जिन्हें आपके खिलौने पसंद आ सकते हैं।
अस्पताल या धार्मिक केंद्र
कई अस्पताल भी बच्चों के खिलौने लेते हैं। यहां दाखिल होने वाले बच्चों को ट्रीटमेंट के दौरान खिलौनों से खेलने दिया जाता है।
इसके अलावा आपके आसपास के धार्मिक केंद्रों में भी बच्चों के खिलौने लिए जा सकते हैं। आप मंदिर के बाहर बैठे बच्चों को खिलौने दे सकते हैं। इन बच्चों के पास बचपन की सबसे प्यारी चीज यानि खिलौनों के नाम पर कुछ नहीं होता है। ऐसे में आपकी छोटी सी मदद इनके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है।
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