प्रदेश की स्कूली शिक्षा बनेगी हाईटेक, शैक्षणिक सत्र में सर्वसुविधायुकत होगा जनशिक्षा केंद्र
भोपाल
प्रदेश की स्कूली शिक्षा को हाईटेक बनाने के लिए केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर नौ हजार से ज्यादा स्कूलों का कायाकल्प किया जाना है। फर्स्ट फेज में अगले शैक्षणिक सत्र में एक जनशिक्षा केंद्र से तीन स्कूलों को विकसित कर सर्वसुविधायुकत बनाया जाएगा।
सीएम राइज नाम से विकसित किए जाने वाले 9985 स्कूलों के चयन कर जनशिक्षा केंद्र स्तर से चयन का टारगेट दिया गया था। तय समय सीमा में पहले तो जिलों ने सत्यापन का काम नहीं किया जब राज्य स्तर से अफसरों ने फटकार लगाई तो जिलों ने टारगेट से तीन हजार अतिरिक्त स्कूलों का सत्यापन कर भेज दिया। अब लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को पत्र लिखकर डाइस डाटा के अनुसार चिन्हित शालाओं के प्राप्तांक स्कोर के हिसाब से टारगेट अनुसार स्कूलों का चयन करने के आदेश दिए हैं। आयुक्त ने दिए आदेश में कहा है कि ये सुनिश्चित कर लें कि कोई क्षेत्र विशेष स्कूलों के चयन में अछूता न रहे।
राजधानी में फंदा ग्रामीण, शहरी और बैरसिया ब्लॉक के 84 स्कूलों का चयन कर जनशिक्षा केंद्रों के स्तर से सत्यापन कर भेजा जाना था। लेकिन भोपाल में अतिरिक्त 49 स्कूलों का सत्यापन कर भेज दिया गया है। शासकीय बालक व कन्या उमा विद्यालय में 4-4 स्कूलों का सत्यापन किया है। नजीराबाद हासे स्कूल में 5, फंदा ग्रामीण ब्लॉक के परबलिया सड़क उमावि. में 3, शा. हासे स्कूल गुनगा जनशिक्षा केंद्र में 3 स्कूलों का चयन किया गया है। वहीं दो दर्जन से ज्यादा जनशिक्षा केंद्रों ने तीन दर्जन से ज्यादा अतिरिक्त स्कूलों का चयन करके भेज दिया है।
राज्य सरकार प्रदेश के एक लाख दो हजार सरकारी स्कूलों को मर्ज कर केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर 'सीएम राइज' स्कूल खोलने जा रही है। हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं (स्वीमिंग पूल, बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया) से लैस होंगे। इनमें प्री-नर्सरी से हायर सेकेंडरी की कक्षाएं संचालित होंगी। इन स्कूलों में 15 से 20 किमी की परिधि में रहने वाले बच्चे पढ़ेंगे और उन्हें स्कूल तक लाने व घर छोड़ने के लिए सरकार बस, वैन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में स्थित तीन हजार संकुल केंद्रों को क्षेत्र के पांच-पांच हजार स्कूलों की सूची भेजकर सीएम राइज के लिए तीन-तीन स्कूलों का चयन करने को कहा गया है। सरकार ने तीन साल (2023) में सभी स्कूल शुरू करने का लक्ष्य रखा है। नई नीति में 15-20 किमी के दायरे में आने वाले पुराने स्कूलों का मर्जर किया जाएगा।
You Might Also Like
अब हर गांव-शहर तक दौड़ेगी सरकारी बस, करोड़ों यात्रियों को राहत
भोपाल मध्य प्रदेश सरकार एक नई परिवहन कंपनी बनाने जा रही है। यह राज्य भर में चलने वाली सभी प्राइवेट...
प्रदीप मिश्रा की कथा से लौट रहे श्रद्धालुओं की गाड़ी इंदौर में खड़े ट्रक से टकराई, एक की मौत
इंदौर गुरुवार अलसुबह इंदौर के कनाड़िया बायपास पर एक सड़क हादसा हो गया, जिसमें एक युवक की मौत हो गई,...
ट्रंप की धमकियों के बावजूद शेयर बाजार बेफिक्र, टैरिफ और डॉलर के असर से अडिग रुपया
मुंबई डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर लगाए गए 25 फीसदी के टैरिफ को बुधवार को बढ़ाकर 50 फीसदी...
मंत्री पटेल की अध्यक्षता में हुई श्रम विभाग की विभागीय परामर्श समिति की बैठक
भोपाल पंचायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में श्रम विभागीय परार्मशदात्री...