भोपाल
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रदेश में सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रमों का संचालन करने वाली संस्थाओं के लिये पैरा-मेडिकल पाठ्यक्रम के व्यावहारिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण के मद्देनजर पैरा-मेडिकल शिक्षण कार्य पुन: शुरू करने के निर्देश दिये। पैरा-मेडिकल शिक्षा में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश-सह-चिकित्सीय परिषद द्वारा नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने को भी कहा। सारंग की अध्यक्षता में मंत्रालय में मध्यप्रदेश-सह-चिकित्सीय परिषद की 23वीं साधारण सभा की बैठक हुई।
मंत्री सारंग के निर्देश के परिपालन में परिषद कार्यालय द्वारा विभिन्न नये स्नातकोत्तर, स्नातक एवं डिप्लोमा पैरा-मेडिकल पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रशासकीय अनुमोदन किया गया है। इसमें M.P.T. in Geriatrice, M.O.T. in Pediatrics, Diploma in PFT Technician और Bachelor in Respiratory Therapist पाठ्यक्रमों का परिषद स्तर से संचालन किया जायेगा। इसके अलावा एक वर्षीय पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिये निर्देशित किया गया।
प्रदेश में निवासरतों की सुविधा एवं सुलभता को देखते हुए मध्यप्रदेश के मूल निवासी, जो कि पैरा-मेडिकल शिक्षा प्राप्त किये जाने के लिये अन्य प्रदेशों में अध्ययनरत हैं, ऐसे छात्रों का मध्यप्रदेश पैरा-मेडिकल कौंसिल में पंजीयन करने के लिये प्रक्रिया को और अधिक सरलता प्रदान करने के दृष्टिकोण से मंत्री सारंग ने छात्रों का पंजीयन उनके द्वारा उपलब्ध दस्तावेजों का प्रथमत: सत्यापन/पुष्टि के बाद करने के निर्देश दिये, जिससे कि पैरा-मेडिकल कर्मियों को प्रदेश में ही रोजगार मिल सके।
मंत्री सारंग द्वारा निर्देश दिया गया है कि परिषद कार्यालय के उपयोगार्थ मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल संभाग क्रमांक-3, बागमुगालिया भोपाल का पीएसपी भूखण्ड क्रमांक-2, एमराल्ड पार्क सिटी के पास बागसेवनिया, जिसका क्षेत्रफल 2871.30 वर्ग मीटर भोपाल पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित मध्यप्रदेश सह-चिकित्सीय परिषद, मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिंल, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद के एक भव्य भवन का निर्माण करवाया जाये। उक्त निर्माण कार्य करवाने के लिये सभी औपचारिकताएँ अतिशीघ्र पूरी की जायें।
सारंग ने प्रदेश के निजी क्षेत्र में स्थापित पैरा-मेडिकल संस्थाओं के भौतिक निरीक्षण के लिये एक उच्च-स्तरीय निरीक्षणकर्ताओं का पैनल तैयार करने के लिये निर्देशित किया। इसमें सेवानिवृत्त अधिकारी, जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारी एवं संस्था में संचालित विषयों के संबंधित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के विषय-विशेषज्ञ शामिल किये जायें। संस्था के निरीक्षण के लिये एक ऑनलाइन प्रोग्राम विकसित कर उक्त टीम अनुसार आकस्मिक चयन कर निरीक्षण समिति गठित कर संस्था का निरीक्षण करवाया जाये।
बैठक में आयुक्त निशांत वरवड़े, संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव और सदस्य सचिव डॉ. पूजा शुक्ला उपस्थित थीं।
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