भोपाल
मध्यप्रदेश के सार्वजनिक परिवहन वाहनों में महिला और बच्चे अब ज्यादा सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे। वाहनों में महिलाओं के साथ छेड़खानी या ज्यादती के मामलों में उन्हें तुरंत पुलिस की मदद मिल सकेगी। इसके लिए राज्य सरकार इन सभी वाहनों को पैनिक बटन और जीपीएस से लैस करेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार निर्भया फंड के जरिए छह करोड़ रुपए देगी और इतनी ही राशि मध्यप्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा फंड से देगी।
गृह विभाग ने इसके लिए छह करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है, इस योजना पर काम शुरू हो गया है और अगले एक साल के भीतर मध्यप्रदेश के सभी वाहन पैनिक बटन से लैस हो जाएंगे। मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वाहनों पर पैनिक बटन लगाने के लिए योजना को अमलीजामा पहनाने का काम परिवहन विभाग करेगा। गृह विभाग इसके लिए राशि उपलब्ध कराएगा। इसके तहत सार्वजनिक परिवहन बसें, सार्वजनिक यात्री टैक्सियां, स्कूलों में संचालित सार्वजनिक बसें और चार पहिया वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा।
इस जीपीएस सिस्टम से पैनिक बटन को जोड़ा जाएगा। प्रदेशभर में इसकी मॉनीटरिंग के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। किसी भी बस, टैक्सी में यात्रा करने वाले बच्चे और महिलाएं वाहन के अंदर किसी किम्स प्रकार की छेड़खानी, ज्यादती या बदतमीजी का शिकार होती है। यदि वाहन कहीं दुर्घटनाग्रस्त होता है तो वाहन में सवार यात्री यदि पैनिक बटन को दबाएंगे तो जीपीएस सिस्टम के जरिए डायल 100, संबंधित क्षेत्र के आरटीओ और थाने तक इसकी लोकेशन तुरंत पहुंच जाएगी।
पैनिक बटन लगने के बाद सार्वजनिक वाहनों में आपराधिक तत्वों की तुरंत धरपकड़ हो सकेगी यात्रियों को तुरंत मदद मिल सकेगी। दुर्घटना के शिकार लोगों को तुरंत मदद मिलने पर उनका समय पर इलाज किया जा सकेगा और लोगों की जान बच सकेगी।
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