मध्य प्रदेश

पंचायत सचिवों के जिले में हो सकेंगे तबादले, गड़बड़ी पर CEO कर सकेंगे कार्रवाई

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भोपाल
पंचायत सचिवों ने गड़बड़ की तो अब जिला पंचायत सीईओ उनका तबादला कर सकेंगे। पंचायत राज संचालनालय ने स्थानान्तरण नीति में संशोधन कर यह व्यवस्था तय की है। करप्शन और कदाचरण के मामले में जिम्मेदार पाए गए पंचायत सचिवों को सीईओ जिला पंचायत जनपद सीईओ की अनुशंसा पर एक जनपद से दूसरे जनपद में भेज सकेंगे।

पंचायत राज संचालनालय आयुक्त बीएस जामोद ने इसको लेकर जारी आदेश में कहा है कि ऐसे ग्राम पंचायत सचिव जिनकी शिकायत प्राप्त होती है उनके जनपद पंचायत से बाहर स्थानांतरण करने की नीति मप्र पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम 2011 के नियम 6 (7) में यह व्यवस्था की गई है। आदेश के अनुसार जांच के बाद अगर वित्तीय या आचरण सम्बन्धी अनियमितता सिद्ध होती है तो सीईओ जनपद पंचायत की अनुशंसा पर उस जनपद से बाहर किंतु जिले की किसी भी ग्राम पंचायत में स्थानांतरित किया जा सकेगा। ऐसा आदेश सीईओ जिला पंचायत जारी कर सकेंगे।

पंचायत सचिवों की नियुक्ति के समय से ही गड़बड़ यह हुई है कि सरपंचों और स्थानीय नेताओं ने अपनी मनमर्जी से बिना पात्रता वाले व्यक्ति की नियुक्ति दस साल पहले कर दी थी। अब ये अपने आकाओं की इच्छा पूरी करने और अन्य तरीके से अनियमितता करने से बाज नहीं आते। ऐसे में सरकार की योजनाओं के लिए आने वाले पैसों में करप्शन की शिकायतें बढ़ी हैं। हालांकि भुगतान की आधुनिक तकनीकों से इस पर काबू किया गया है लेकिन इसके बाद भी पंचायत सचिव भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं। अब तबादला नीति तय होने से उन्हें पंचायत क्षेत्र से हटाने का अंदेशा रहेगा तो करप्शन में कुछ कमी आ सकेगी।

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