उत्तर प्रदेश

धर्मांतरण से जुड़ी दो संस्थाओं के विदेशी फंड लेने पर रोक

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 लखनऊ 
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अवैध धर्मांतरण गिरोह के सरगना उमर गौतम से जुड़ी दो स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) के विदेशी फंड लेने पर रोक लगा दी है। यह रोक फिलहाल छह महीने के लिए लगाई गई है। इसमें एक संस्था ‘अल हसन एजूकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन’ लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र स्थित हबीबपुर रहमानखेड़ा के पते पर पंजीकृत है। 

दोनों आदेश गृह मंत्रालय के उप सचिव डीएस परिहार की तरफ से जारी किए गए हैं। आदेश के अनुसार मेवात ट्रस्ट फार एजूकेशनल वेलेफेयर पर भी विदेशी फंड लेने पर रोक लगाई गई है। यह ट्रस्ट हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित फतेहपुर तागा गांव के पते से पंजीकृत है। मेवात ट्रस्ट फार एजूकेशनल वेलेफेयर और अल हसन एजूकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन को फॉरेन कांट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट 2010 (एफसीआरए) के तहत दिया गया प्रमाणपत्र छह महीने के लिए निरस्त कर दिया गया है। यह प्रमाणपत्र निरस्त हो जाने के कारण ये दोनों संस्थाएं अब विदेशों से चंदा नहीं ले पाएंगी।

उमर गौतम और उसके सहयोगी काजी जहांगीर आलम को यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में इनके चार अन्य सहयोगियों को भी सात अन्य सहयोगियों को भी अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया। इसमें गिरोह के हवाला रैकेट से जुड़े सलाहुद्दीन शेख को अहमदाबाद (गुजरात) से गिरफ्तार किया गया था। एटीएस की इस कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धर्मांतरण के लिए विदेशों से भेजे जा रहे फंड के बारे में साक्ष्य जुटाने के लिए ईडी ने पिछले दिनों दिल्ली और यूपी में छह स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी को दिल्ली में जामिया नगर स्थित उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर के कार्यालय से कई अहम दस्तावेज मिले थे। 
 

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