दीपांकर के बाद येचुरी ने भी कहा, बंगाल में लेफ्ट फ्रंट का पूरा जोर बीजेपी का वोट काटने पर होगा
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आते देख चुनावी गुटबाजी शुरू हो गई है। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य मकसद आगामी पश्चिम बंगाल चुनावों में बीजेपी को हराना है। लेकिन इसके लिए वह तृणमूल कांग्रेस को साथ नहीं लेना चाहते क्योंकि ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी है। येचुरी ने कहा कि इसके साथ ही लोग तृणमूल के पिछले 20 वर्षों के रेकॉर्ड से अच्छी तरह परिचित हैं जब उसका बीजेपी से गठबंधन था और उसके नेता अटल सरकार में मंत्री थे। सीताराम येचुरी पार्टी की राज्य समिति की बैठक में हिस्सा लेने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मार्क्सवादियों का कांग्रेस और अन्य वाम दलों जैसे पारंपरिक सहयोगियों के अलावा एनसीपी और आरजेडी जैसे गैर-वाम सहयोगियों के साथ चुनावी गठबंधन होगा। उन्होंने कहा, ‘तृणमूल सरकार के खिलाफ लोगों की भावना इतनी गहरी है कि बीजेपी विरोधी सभी दलों की कोई एकता सिर्फ बीजेपी को ही अधिक मदद करेगी। यह गठबंधन नुकसानदेह होगा।’
'TMC के खिलाफ नाराजगी, उनसे गठबंधन किया तो हमें ही नुकसान'
येचुरी ने कहा, 'लोगों में तृणमूल के खिलाफ काफी नाराजगी है। तृणमूल के साथ गठबंधन करने से ही लोग हमारे खिलाफ हो जाएंगे और बीजेपी की मदद करेंगे।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी और तृणमूल आगामी चुनावों को द्विपक्षीय मुकाबला के तौर पर पेश कर रहे हैं, लेकिन उनका विरोध करने वाली ताकतें इसे तोड़ देंगी। येचुरी ने कहा, ‘हमारा मकसद बीजेपी को हराना और तृणमूल को अलग करना है। लोगों को उनकी आजीविका के मुद्दों पर विकल्प दें, नौकरी, भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करें।’
सीपीएम ने बताया, चुनाव में क्या होंगे मुद्दे
सीपीएम नेता ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन, धान के लिए उचित खरीद मूल्य और प्रवासी मजदूरों के विषय चुनाव में प्रमुख मुद्दे होंगे। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में येचुरी ने कहा कि दोनों दलों के बीच शुरुआती चर्चा हुई है और सीटों के तालमेल की प्रक्रिया चल रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने चुनाव में 120-140 सीटों की मांग की है, येचुरी ने कहा, 'सीटों के तालमेल की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, कांग्रेस ने ऐसी कोई मांग नहीं की है।’ बता दें कि 294 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने हैं।
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