जीवन शैली

दिशा पटानी कहती हैं, ‘रिश्ता देता है लड़की होने का एहसास’

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प्यार में भला कौन नहीं पड़ना चाहता और उसके साथ ही एक रिलेशनशिप में एंट्री करना हर किसी के मन को भाता है। लेकिन जब बात खुद को अस्तित्व के खतरे में पड़ने की आती है, तो अब लड़कियां अक्सर ही कतराती दिखाई देती हैं। पहले की मुकाबले अब वह खुलकर अपनी बात रखने लगी हैं, अपने हक को लेकर बोलने लगी हैं, ऐसे में जब उनपर लड़की कहकर बंदिशे लगाईं जाती हैं या उन्हें कमतर दिखाने की कोशिश की जाती है तो वह खुद को ऐसे रिश्ते से दूर रखने में ही भलाई समझती हैं।

वहीं महिलाएं जहां अपने हक के लिए लड़ रही हैं, वहीं वह खुद को लेकर गर्व भी महसूस करती हैं। यही कारण है कि जब एक रिलेशनशिप में उनके साथ भेदभाव होता है, तो उन्हें हर्ट होता है। एक बार बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी (Disha Patani) ने भी अपने प्यार को लेकर अपना अनुभव साझा किया था। 
​'रिलेशनशिप से आती है लड़की वाली फीलिंग'

एक इंटरव्यू के दौरान दिशा ने प्यार को लेकर अपने कुछ अनुभव शेयर किए थे। एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं भी पहली नजर के प्यार में पड़ चुकी हूं। मेरे लिए प्यार में होना बहुत जरूरी है। मुझे पहले दिन तितलियों का एहसास होना बहुत अच्छा लगता है। अगर मैं ऐसा पहले दिन नहीं महसूस करती हूं, तो मुझे लगता है कि वहां प्यार नहीं है। मुझे एक लड़की होने की फीलिंग सिर्फ तभी आती है जब मैं रिलेशनशिप में होती हूं। मैं एक ऐसे इंसान की तलाश कर रही हूं, जो मुझे लड़की होने का एहसास कराए।'

दिशा ने प्यार को लेकर जो कहा, वो कुछ हद तक तो ठीक था लेकिन कुछ बातें लड़कियों की समझ से बाहर हो सकती हैं। दरअसल इन दिनों महिलाएं खुद का ख्याल रखना जानने लगी हैं, वे अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए किसी रिलेशनशिप का इंतजार नहीं करती हैं। ऐसे में उन्हें अपने होने का एहसास महसूस करने के लिए किसी पार्टनर की प्रशंसा की जरूरत नहीं होती है।

पहले जमाने में महिलाओं को उनकी सीमाएं बताई जाती थी, उन्हें कैसे बात करना है, किस तरह के कपड़े पहनने है, कहां जाना हैं, जैसी तमाम बातों पर रोक-टोक रहती थी। हालांकि बदलते वक्त के साथ महिलाएं भी पुरुषों से कंधा से कंधा मिलकर चलने लगी हैं, अपने हक के लिए लड़ने लगी हैं। ऐसे में इन दिनों लड़कियां किसी भी चीज के लिए एक पार्टनर पर डिपेंड नहीं रहना चाहती हैं। वह भी लड़कों की तरह इंडिपेन्ट्ली अपना सारा काम करना जानती हैं।

ऐसे में वह ऐसे रिलेशनशिप में नहीं पड़ना चाहती जहां बात-बात पर उन्हें लड़की होने का एहसास कराया जाए। हालांकि, लड़की होना अपने आप में गर्व की बात है, लेकिन समाज में उनके लिए कई तरह के दकियानूसी नियम बने हुए जो सिर्फ उनपर ही लागू होते हैं। ऐसे में जब एक रिश्ते में उन्हें किसी भी काम के लिए इस बात का एहसास कराया जाए कि तुम लड़की हो रहने दो, तो बेशक उन्हें बुरा भी लग सकता है। 'मुझे गर्लफ्रेंड्स से प्यार नहीं मिला', सलमान खान ने अपनी लवलाइफ पर कही जो बात, इन गलतियों के कारण आपका प्या

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि एक रिलेशनशिप में आने के बाद अक्सर लड़कियां खुद को ज्यादा सजने संवारने लगती है। हालांकि यह भी सच है कि जो महिलाएं सिंगल होती हैं, वह भी खुद को फिट एंड फाइन रखने में पीछे नहीं रहतीं। इस आधुनिक युग में लड़कियां खुद का ख्याल रखना बखूबी जानती हैं। ऐसा नहीं है कि रिलेशनशिप में न होने पर वह खुद को पैम्पर नहीं करतीं। पार्लर से लेकर फैशनेबल क्लोद्स तक, उनकी लिस्ट में टॉप पर रहते हैं। यही कारण है कि फैशन के मामले में महिलाएं सबसे ज्यादा आगे रहती हैं। एक स्टडी कहती है कि रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाओं की तुलना में सिंगल लड़कियां खुद को ज्यादा संज-संवरकर के रहती है।

​रिश्ते में पार्टनर्स की भूमिकाएं अलग क्यों?

आपको बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर और एक्ट्रेस करीना कपूर खान की फिल्म 'की एंड का' तो ध्यान हो होगी, जिसमें एक रिलेशनशिप में मर्द घर संभालता हुआ और औरत ऑफिस देखती हुई दिखाई गई थी। हालांकि लोगों को यह मैसेज देने की कोशिश की गई थी कि काम को लेकर पार्टनर्स के बीच भूमिकाएं बंटी नहीं होनी चाहिए।

खाना बनाना, घर की सफाई करना या बच्चों को संभालना सिर्फ एक महिला का काम ही नहीं होता। इन दिनों अब रिलेशनशिप में लड़कियों की उम्मीद बराबरी की होती है। वह अपने रिश्ते को लड़का-लड़की के दायरे में जकड़ना नहीं चाहती हैं, बल्कि एक ऐसे पार्टनर का साथ चाहती हैं जो किसी भी काम में उनका बराबर सपोर्ट करना अपनी जिम्मेदारी समझता हो। 

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