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दिल्‍ली के टीकाकरण केंद्रों में कर्मचारियों की दिखी कमी, इंटरनेट कनेक्‍टिविटी भी मिली खराब

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दिल्ली
 ड्राई रन के दौरान दिल्ली के टीकाकरण केंद्रों में कर्मचारियों की कमी, खराब इंटरनेट कनेक्‍टिविटी और किसी विपरीत हालात से निपटने के लिए अधिक समय लगने जैसी समस्‍याएं सामने आईं। राजधानी दिल्ली समेत देश के सभी राज्यों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन  शनिवार  को किया गया था।आपको बता दें कि ड्राई रन का आयोजन इसलिए किया गया था कि टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले ही अगर कहीं कोई कमी है, तो उसमें वक्त रहते सुधार किया जा सके।ड्राई रन का आयोजन शनिवार को दिल्‍ली के दरियागंज पीएचसी, दिलशाद गार्डन के गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल और द्वारका के वेंकटेशवर हॉस्पिटल में किया गया था। 

जानकारी के मुताबिक, ड्राई रन के लिए हर केंद्र में 25 हेल्‍थ वर्कर्स को चुना गया था। हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों टीकाकरण केंद्रों में टीका लगवाने वाले लोगों के पास सरकार की ओर से जारी किया गया आईडी कार्ड था, सरकारी कोविन पोर्टल पर उनका पंजीकरण भी चेक किया गया था, उनकी मेडिकल हिस्‍ट्री भी ली गई, इसके बद उन्‍हें 30 मिनट के लिए निगरानी में रखा गया। इन केंद्रों में विपरीत हालात से निपटने के लिए भी तैयारी की गई थी। हालांकि, टीकाकरण के लिए पहुंचे लोगों के आईडी कार्ड चेकिंग के दौरान गुरु तेग बहादुर अस्‍पताल में ये समस्‍या आई थी। दरअसल, गुरु तेग बहादुर अस्‍पताल का स्‍टाफ ही टीका लगा रहा था और इसी का स्‍टाफ टीका लगवा भी रहा था। 

इस पर शाहदरा के डिप्‍टी कमिशनर संजीव कुमार ने कहा, 'यहां वैक्‍सीनेशन करने वाले अफसरों के नेम टैग की ठीक से पहचान नहीं हो पा रही थी। जानने में दुविधा हो रही थी कि कौन टीकाकरण करने वाला है और कौन करवाने वाला है। हमने राज्‍य की टीम को सुझाव दिया है कि निगरानी क्षेत्र में कुछ कर्मियों की संख्‍या बढ़ाई जाए।'
इसके साथ ही टीकाकरण केंद्रों में कोविन पोर्टल का इस्‍तेमाल करने पर इंटरनेट काफी धीमे चलता पाया गया। इसके लिए आईटी टीम को जानकारी दे दी गई है। साउथ वेस्‍ट दिल्‍ली के डिप्‍टी कमिशनर नवीन अग्रवाल के अनुसार, वेंकटेशवर अस्‍पताल के वेटिंग एरिया में भी कर्मचारियों की कमी देखने को मिली है। इससे वहां टीकाकरण के लिए पेपरवर्क करने में अधिक समय लग रहा है।

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