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दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की गिरफ्तारी को बताया उचित, शांतनु को जमानत

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नई दिल्ली 
दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी को मंगलवार को उचित ठहराते हुए कहा कि यह कार्रवाई कानून के अनुरूप की गई है। वहीं बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में एक अन्य संदिग्ध पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक को दस दिन की अग्रिम जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि दिशा रवि तथा मुम्बई की वकील निकिता जैकब और शांतनु ने 'टूलकिट तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की। टूलकिट मामले में अपनी जांच को तेज करते हुए दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मंच 'जूम को पत्र लिखकर, कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक एक समूह द्वारा 11 जनवरी को आयोजित ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है, जबकि जांचकर्ता वित्त पोषण के पहलू की भी जांच कर रहे है। रवि को टूलकिट का कथित तौर पर निर्माण करने के लिए बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और उसे रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस से सोशल मीडिया पर एक टूलकिट साझा करने में संलिप्तता के लिए गिरफ्तार रवि को प्राथमिकी की एक प्रति और अन्य दस्तावेज मुहैया कराने तथा अपने परिवार से उन्हें बातचीत करने की अनुमति दे दी है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने मंगलवार को रवि को पुलिस हिरासत के दौरान एक दिन में 15 मिनट के लिए अपने परिवार के सदस्यों से बातचीत करने और अपने वकील से 30 मिनट की मुलाकात करने की भी अनुमति दे दी है। अदालत ने प्राथमिकी के अलावा पुलिस को गिरफ्तारी आदेश और हिरासत से जुड़े कागजात की प्रतियां भी मुहैया कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने रवि को गर्म कपड़े, मास्क और किताबें मंगाने की भी अनुमति दे दी है।

हालांकि कई विपक्षी दलों और कार्यकर्ताओं ने रवि को गिरफ्तार करने और उसे राष्ट्रीय राजधानी लाए जाने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाये हैं। दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि को अदालत में पेश करने से पहले कथित तौर पर उनकी पसंद का वकील मुहैया नहीं कराने पर रिपोर्ट तलब की है।  आयोग ने दिल्ली पुलिस को मामले में दर्ज प्राथमिकी की प्रति देने के साथ-साथ ट्रांजिट रिमांड के लिए स्थानीय अदालत में कथित तौर पर पेश नहीं करने, यहां अदालत में पेश करने के दौरान उनके पंसद का वकील मुहैया नहीं करने की वजह बताने को कहा है। आयोग ने कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है। आयोग ने दिल्ली पुलिस को शुक्रवार तक मांगी गई जानकारी देने को कहा है। हालांकि पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने किसी भी चूक से इनकार किया है। दिल्ली पुलिस के प्रमुख ने पत्रकारों से कहा, 'दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप की गई है, जो 22 से 50 वर्षीय की आयु के लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता। श्रीवास्तव ने कि यह गलत है जब लोग कहते हैं कि 21 वर्षीय कार्यकर्ता की गिरफ्तारी में चूक हुई। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि दिशा रवि और मुम्बई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु ने 'टूलकिट तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की। टूलकिट में ट्विटर के जरिए किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। मध्य महाराष्ट्र में बीड जिले के रहने वाले शांतनु मुलुक और जैकब ने दिल्ली की एक अदालत द्वारा उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद ट्रांजिट अग्रिम जमानत के अनुरोध को लेकर सोमवार को उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं।

बम्बई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ की न्यायमूर्ति विभा कांकनवाड़ी ने मुलुक को दस दिनों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी, जिससे वह राहत पाने के लिए दिल्ली में उपयुक्त अदालत के समक्ष अपनी याचिका दायर कर सकें। मामले में एक अन्य संदिग्ध, वकील निकिता जैकब की इसी तरह की याचिका पर मुंबई में उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी डी नाइक ने कहा कि वह बुधवार को आदेश पारित करेंगे। आईपीसी की धारा 124 (ए) (राजद्रोह), 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देना) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश रचना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा से कुछ दिन पहले 'जूम एप पर आयोजित बैठक में निकिता जैकब और शांतनु सहित 70 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई थी। अधिकारी ने कहा, दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एप 'जूम को पत्र लिख, 11 जनवरी को ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है। सूत्रों ने कहा कि पुलिस के पिछले साल दिसंबर में बनाए गए 'इंटरनेशनल फार्मर्स स्ट्राइक' समूह का विवरण लेने के लिए व्हाट्सएप से संपर्क करने की भी संभावना है। एक सूत्र ने कहा, ''हम टूलकिट मामले में वित्त पोषण मॉड्यूल की जांच करने की भी कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने दावा किया था कि बेंगलुरु से शनिवार को गिरफ्तार की गई दिशा रवि ने जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को टेलीग्राम ऐप के जरिए टूलकिट भेजी थी और उस पर कार्रवाई करने के लिए उसे राजी किया था। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को दस्तावेज पर अब तक गूगल की ओर से जांच का जवाब नहीं मिला है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (साइबर) प्रेम नाथ ने बताया था कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से 15 दिन पहले 11 जनवरी को इन दोनों ने 'खालिस्तान समर्थक समूह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीएफजे) द्वारा ऑनलाइन जूम ऐप के माध्यम से आयोजित एक बैठक में भाग लिया था। नाथ ने कहा था कि बैठक में ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन, 26 जनवरी शीर्षक से टूलकिट बनाने के तौर तरीकों पर फैसला लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि वे पीटर फ्रेडरिक नामक एक व्यक्ति के जरिये आईएसआई के संबंधों की जांच कर रहे हैं जिसका नाम दस्तावेज़ में है और जिसे संगठन के एक संचालक के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है। नाथ ने कहा था कि खालिस्तानी समर्थक समूह पीएफजे के संस्थापक मो धालीवाल ने कनाडा की एक महिला पुनीत के माध्यम से उनसे संपर्क किया था। पुलिस ने कहा था कि वे ''टूलकिट के संबंध में पीटर फ्रेडरिक की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।

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