दलित लड़कियों की मौत पर हत्या का केस दर्ज, पोस्टमार्टम में ज़हरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि
उन्नाव
उन्नाव में नाबालिग बुआ-भतीजी की शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. पोस्टमार्टम में ज़हरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर में ज़हरीले पदार्थ की मौजूदगी मिली है. हालांकि, अभी कहना मुश्किल कि आख़िर ये ज़हरीला पदार्थ किस प्रकार का है. इस बीच कानपुर के एक अस्पताल में भर्ती एक और भतीजी की हालत अभी भी नाजुक है. तो वहीं मृतका के पिता को पुलिस जबरन लेकर गई है.
अब बुआ और भतीजी के शरीर में मिले जहर को लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा है. उन्नाव पुलिस जहर के प्रकार के बारे में पता करने की कोशिश कर रही है. एसओजी की 10 टीमों का गठन किया गया है. इसके साथ ही लड़कियों के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है. लड़कियों के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है.
इस बीच उन्नाव में दलित लड़कियों की मौत मामले में अनुसूचित आयोग (एससी कमीशन) ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को नोटिस भेजा है. पूरे मामले की रिपोर्ट भी तलब की है. दूसरी ओर उन्नाव पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है. दोनों लड़कियों के शव को पोस्टमार्टम हाउस से परिजन और पुलिस गांव ले गए हैं.
घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव ने ट्वीट पर शोक जताया है. मायावती ने सरकार से घटना की उच्च-स्तरीय जांच कराने और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कहा कि उन्नाव की 3 दलित बहनों के लिए न्याय की मांग करने व सांत्वना देने के लिए सपा का प्रतिनिधिमंडल उनके परिजनों से मिला. पहले ‘हाथरस की एक बेटी’, फिर ‘बदायूँ की एक माँ’ और अब ‘उन्नाव की बहनें’ भाजपा राज में कोई भी नारी सुरक्षित नहीं.
असोहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत पाठकपुर के मजरे बबुरहा में कल बुधवार लगभग दोपहर 3:00 बजे के करीब बुआ और भतीजी खेत में पशुओं के लिए हरा चारा लेने गई थी, लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटीं. शाम में परिजन लड़कियों को खोजने के लिए निकले. परिजनों के मुताबिक, खेत में तीनों लड़कियां कपड़े से बंधी मरणासन्न हालत में मिली थी. तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था.
तीनों लड़कियों को परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र असोहा पर लाया गया है, जहां पर डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया और एक को कानपुर के हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, जहां हालत में सुधार न होने पर कानपुर के एक निजी अस्पताल में शिफ्ट कराया गया है.
परिवार के लोगों के बयान में विरोधाभास है, इसलिए पुलिस इस लिहाज़ से भी देख रही है कि क्या अलग-अलग वक्त पर लोगों के पहुंचने की वजह से बयानों में चेंज है या फिर परिवारवाले कहीं शामिल है. पुलिस ने पूरे खेत को घेर दिया है. फ़ॉरेंसिक की टीम सबूत जुटाकर ले गई है, जिससे की घटना के बारे में पता चल सके.
उन्नाव के एसपी के मुताबिक, इस मामले में जांच चल रही है. अभी एक लड़की की मां के द्वारा यह बताया गया है कि उन लड़कियों के हाथ पांव नहीं बंधे थे, जबकि एक लड़की के चाचा ने कहा कि लड़कियों के हार-पैर बंधे थे, हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं. पूरी जांच के बाद सारी बात सामने आ जाएगी.
ज़िंदा बची लड़की का बयान बेहद महत्वपूर्ण है, उसी के ज़रिये पता चल सकता है कि आख़िर क्या हुआ था. बेहद गम्भीर हालत में लड़की कानपुर में भर्ती है, सुबह से उसने एक बार सिर्फ आंख खोली है. कुछ भी बताने की हालत में नहीं है. मौके पर पुलिस के आला अफसर मौजूद हैं. विपक्ष की ओर से लड़की को एम्स में भर्ती कराए जाने की मांग की जा रही है.
आज सुबह इलाके के लोग गांव में धरने पर बैठ गए थे. इनकी मांग थी कि परिवार वालों को थाने में ना बैठाया जाए, परिवार को इंसाफ़ दिया जाए. लोगों का आरोप था कि परिवार को किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है. हालांकि, उन्नाव पुलिस ने ट्वीट करके इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
इस बीच इस घटना पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. विपक्ष ने योगी सरकार पर हमला बोल दिया है. समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी समेत कई राजनीतिक दलों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग के साथ ही जिंदा बची लड़की को दिल्ली एम्स में भर्ती करने की मांग की है.
आप नेता संजय सिंह ने कहा, 'कब तक चुप रहोगे? आज उन्नाव है, कल तुम्हारा जिला होगा, आज उनका गांव है, कल तुम्हारा होगा, आज दलित बेटियाँ पेड़ों से बंधी मिल रही हैं कल तुम बंधे मिलोग, याद रहे, मूक दर्शक बन कर बर्बादी का तमाशा देखने वालों को इतिहास कायर कहता है, डराओ, धमकाओ, मुकदमा करो, मैं बेटियों के साथ हूं.'
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, 'उन्नाव में तीन बेटियों साथ हुई बर्बरता ने देश को हिलाकर रख दिया है. यूपी में बेटी होना अभिशाप हो गया है, एक के बाद एक जिले में बेटियों के साथ बर्बरता, उन्नाव में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति योगी सरकार के निकम्मेपन का प्रमाण है, मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.'
समाजवादी पार्टी ने कहा, 'बेटियों के लिए काल बन चुके भाजपा शासित यूपी में सत्ता संरक्षित नृशंस अत्याचार की एक और विचलित कर देने वाली घटना का केंद्र बना उन्नाव! जंगल में पेड़ से बांध कर दो दलित लड़कियों की हत्या, एक अति गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती, अत्यन्त दुखद! दरिंदों को कठोरतम सजा दिला हो न्याय.'
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