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तीसरी लहर से पहले अस्पताल ने शुरू की तैयारियां 

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 गाजियाबाद 
कोरोना वायरस की तीसरी लहर से पहले बच्चों के लिए बनाए जा रहे पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बनाए जाने से पहले अस्पताल प्रबंधन ने शासन से स्टाफ की मांग की। जिला संयुक्त अस्पताल में दस बेड और डासना के इंडो जर्मन अस्पताल में 50 पीकू बनाए जा रहे हैं। दोनों अस्पताल ने बाल रोग विशेषज्ञ और स्वास्थ्यकर्मियों की मांग की है। वहीं जिला महिला अस्पताल में पीकू बनाए जाने के लिए शासन से मंजूरी नहीं मिली। कोरोना की दूसरी लहर समाप्ती की ओर है। विशेषज्ञों के अनुसार अगले माह से तीसरी लहर के आने की संभावना है, जिसमें दस साल से छोटे बच्चों में संक्रमण फैलने का अधिक खतरा है। इसके लिए शासन की ओर से सभी जिलों को तैयारी और उचित व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से पिछले माह से सरकारी और निजी अस्पतालों में बच्चों के लिए आईसीयू व आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था के निर्देश दिए गए थे। 

बच्चों के लिए जहां पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बनाए जा रहे हैं वहीं, दो अस्पतालों को भी तैयार किया जा रहा है। हालांकि सभी तैयारियां अभी कागजों पर ही हैं और कागजी तैयारियों में भी लगातार अड़चनें सामने आ रही हैं। डासना स्थित इंडो-जर्मन अस्पताल में बच्चों के लिए 50 बेड की व्यवस्था की जा रही है। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से निरीक्षण भी किया गया। 

वहीं अस्ताल प्रबंधन ने विशेषज्ञों की मांग की है। उनके पास एक ही पीडियाट्रीशियन है, बच्चों के स्पेशल अस्पताल के लिए कम से कम छह पीडियाट्रीशियन और 20 प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत है। इसके अलावा जरूरी उपकरणों की भी मांग की गई है। वहीं जिला संयुक्त अस्पताल में दस पीकू बेड की व्यवस्था की गई। अस्पताल प्रबंधक ने सीएमओ को पत्र भेजकर दो पीडियाट्रीशियन, आईसीयू प्रशिक्षित एक चिकित्सक और पांच स्वास्थ्यकर्मियो की मांग की है।

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