उत्तर प्रदेश

डोर्नियर हेलीकॉप्टर के बाद तेजस की भी कानपुर पर नजर

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 कानपुर 
बेंगलुरु एरो शो में एचएएल को युद्धक लड़ाकू विमान तेजस मिलने का रास्ता साफ हो गया।  एचएएल ने कानपुर सहित तीन स्थानों पर जगह देखी है जबकि भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड ने भी यहां 500 बीघा जमीन की मांग की है। डिफेंस कॉरिडोर में पब्लिक सेक्टर की बड़ी कंपनियों की कानपुर में नजर है। इसके अलावा निजी सेक्टर की पांच कंपनियां भी यहां डिफेंस उत्पाद यूनिट लगाएंगी। इन सभी कंपनियों ने डिफेंस कॉरीडोर का काम देख रही यूपी एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (यूपीडा) से जमीन की मांग की है। 83 तेजस विमान के लिए 48 हजार करोड़ रुपए की डील पर समझौता हो चुका है। तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है।

यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एचएएल ने कानपुर के अलावा झांसी और लखनऊ में जमीन देखी है। कानपुर का दावा ज्यादा मजबूत है क्योंकि यहां पहले ही एचएएल का एयरक्राफ्ट डिवीजन है। जहां सामुद्रिक निगरानी और गश्त,  सैनिक परिवहन और पैराजंपिंग में एक्सपर्ट डॉर्नियर-228 विमान बन रहे हैं। डार्नियर का सिविल एयरक्राफ्ट भी यहां बन रहा है। विमान की ऐसीसरी यूनिट बनाने की फैक्टरी इलाहाबाद में है। तेजस के लिए एचएएल को यूनिट का विस्तार करना पड़ेगा, इसलिए यहां जमीन मांगी है।

मिसाइल और गोला बारूद बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने भी झांसी, कानपुर और लखनऊ में जमीन देखी है। डीएमएसआरडीई, आईआईटी, पांच-पांच आर्डिनेंस फैक्टरी, निजी क्षेत्र की 300 से ज्यादा डिफेंस इकाइयों की वजह से बीडीएल को कानपुर पसंद आया है। कानपुर में करीब 500 बीघा जमीन की डिमांड की है। 

बीईएल यानी भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड हेलीकाप्टर मेंटीनेंस और रिपेयरिंग की बड़ी यूनिट लगाने के इच्छुक है लेकिन कंपनी की पहली प्राथमिकता आगरा है। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और प्रदूषण संबंधी कठिन शर्तों के कारण आगरा में कुछ परेशानी आ रही है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की तीन कंपनियों ने 6 हेक्टेयर जमीन मांगी है। कानपुर डिफेंस कारीडोर के तहत इस समय यूपीडा के पास करीब 235 हेक्टेयर जमीन है। 

डिफेंस कारीडोर को लेकर पब्लिक सेक्टर की तीन बड़ी कंपनियों ने जमीन देखी है। इसमें से एक एचएएल, दूसरी भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड ने कानपुर सहित तीन स्थानों पर जमीन देखी है। जबकि भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड आगरा में यूनिट लगाना चाहता है। -ओमप्रकाश पाठक, विशेष कार्याधिकारी, भूमि यूपीडा

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