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ट्रंप के खिलाफ बगावत तेज, 13 दिनों के कार्यकाल पर भी संकट

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 वॉशिंगटन 
हिंसा के बाद अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ बगावत इतनी तेज हो गई है कि अब उनके 13 दिनों के कार्यकाल पर भी संकट मंडरा रहा है। बुधवार को अमेरिका के यूएस कैपिटल में भड़की हिंसा मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारी पड़ सकती है। हिंसा की वजह से रिपब्लिकन सांसद और कैबिनेट अधिकारी डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी से पहले ही राष्ट्रपति पद से हटाना चाहते हैं। इतना ही नहीं कुछ रिपब्लिकन तो राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए जाने के भी पक्ष में हैं।सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य 25वें संविधान संशोधन को लागू करने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिकी संविधान में 25वें संशोधन के जरिए यह बताया गया था कि अगर राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का पालन करने में अक्षम हो जाता है तो उस स्थिति में क्या करना होगा।

विचार-विमर्श अभी जारी है लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि ट्रंप को हटाने के लिए पर्याप्त सांसदों का समर्थन मिलेगा।रिपब्लिकन नेता और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके मिट रोमनी ने ट्रंप को एक स्वार्थी आदमी बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को चुनाव के बारे में जानबूझकर गलत जानकारी दी। रोमनी ने यूएस कैपिटल हिंसा को राजद्रोह बताया और कहा कि यह ट्रंप के उकसावे की वजह से हुआ। एक और रिपब्लिकन नेता लिज़ शेने ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि भीड़ राष्ट्रपति ने जमा की थी। राष्ट्रपति ने भीड़ को उकसाया। राष्ट्रपति ने भीड़ से बात की, उन्होंने ही आग लगाई।'

अमेरिका के मौजूद उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने भी हिंसा को अमेरिकी इतिहास का काला दिन करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'हम उन लोगों के आभारी रहेंगे जिन्होंने इस ऐतिहासिक जगह को बचाने के लिए अपनी जगह नहीं छोड़ी।'

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