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ज्यादा हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट सुबह के समय बाथरूम में क्यों आते हैं

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हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आज इंसान के लिए सबसे गंभीर समस्या बन गई है। यूं तो हार्ट अटैक अचानक ही होता है लेकिन इसकी बहुत सी वजह हैं जिसमे खराब लाइफ स्टाइल और बेकार खान पान है। यूं तो हार्ट अटैक आने का कोई निर्धारित समय नहीं होता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे ज्यादा हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट सुबह के समय बाथरूम में आते हैं।

पर अब आपको लग रहा होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है। बाथरूम में हार्ट अटैक आने के बहुत से कारण हैं, अगर आपको इन कारणों बारे में जानकारी हो तो आप खुद को और अपने परिवार को इससे सुरक्षित रख सकते हैं। अब हम आपको यह बताएं कि सुबह के समय बाथरूम में हार्ट अटैक क्यों आते हैं। इससे पहले यह तो समझ लें कि आखिर हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट क्या होता है।

विज्ञान के नज़रिए से देखने पर पता चलता है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का सीधा संबंध हमारे खून से होता है। खून के जरिए हमारे शरीर में ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पंहुचते हैं। लेकिन जब आपके हृदय की माशपेशियों की धमनियों में रूकावट पैदा होने लगती है, तो इससे हृदय के धड़कने की रफ्तार असंतुलित हो जाती है। इससे ही हमे हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आ जाता है।

​बाथरूम में हार्ट अटैक आने के कारण
पहला कारण
सुबह के समय जब हम टॉयलेट जाते हैं तो कई बार पेट पूरी तरह साफ करने के लिए हम प्रेशर लगाते हैं। इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करते वक्त लोग अधिक प्रेशर लगाते दिखाई देते हैं। यह प्रेशर हमारे दिल की धमनियों पर अधिक दबाव बनाता है। इससे हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आ सकता है।

दूसरा कारण
आपने अक्सर देखा होगा कि बाथरूम का तापमान हमारे घर के अन्य कमरों के मुकाबले अधिक ठंडा रहता है। ऐसी स्थिति में शरीर के तापमान को संतुलित करने और खून के प्रवाह को बनाए रखने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है। यह भी दिल का दौरा पड़ने का एक कारण हो सकता है।

​तीसरा कारण
सुबह के समय हमारा ब्लड प्रेशर थोड़ा ज्यादा होता है। ऐसे में हम जब नहाने के लिए अधिक ठंडा या गर्म पानी सीधा सिर पर डाल देते हैं, तो इससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है। इससे हार्ट अटैक आने का जोखिम बढ़ जाता है।

​​हार्ट अटैक से बचाव के तरीके

  • अगर आप इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं, तो अधिक समय तक एक ही पोजिशन में ना बैठें। इस तरीके से आप हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से बच सकते हैं।
  • बाथरूम में नहाते समय पानी के तापमान का ध्यान रखते हुए, सबसे पहले पैरों के तलवों को भिगोएं। इसके बाद हल्का पानी सिर पर डालें। यह तरीका आपको बचा सकता है।
  • पेट साफ करने के लिए ना तो अधिक जोर लगाएँ और ना ही जल्दबाजी दिखाएं।
  • अगर आप नहाते समय अधिक समय तक बाथ टब या पानी में रहते हैं तो इसका असर भी आपकी धमनियों पर पड़ता है। ऐसे में अधिक समय तक बाथ टब में ना बैठें।
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​हार्ट अटैक के लक्षण
    सीने में तेज दर्द होना
    सांस लेने में परेशानी आना
    कमज़ोरी महसूस करना।
    डायबिटीज़ के मरीज़ों को कई बार बिना कोई लक्षण दिखे भी हार्ट अटैक आ जाता है। इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है।
    तनाव और घबराहट होना भी हार्ट अटैक का लक्षण है
    चक्कर या उल्टी आना भी एक लक्षण है।

​​हार्ट अटैक आने पर क्या करें
    अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आए तो आप उसे सबसे पहले जमीन पर लेटा दें।
    लेटने के बाद अगर उसने अधिक टाइट कपड़े पहने हैं तो उन्हे खोल दें।
    लेटाते समय व्यक्ति का सिर थोड़ा ऊपर की ओर हो इस बात का खास ध्यान रखें।
    एंबुलेंस के लिए तुरंत फोन करें।
    हाथ पैरों को रगड़ते रहें।

अगर मरीज को सांस लेने में परेशानी आए तो उसके नाक को बंद करें और उसके मुंह में अपने मुंह से हवा भर दें। इससे उसके फेफड़ों में हवा भर जाएगी।

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