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जीडीपी के बजाय जीवन स्तर बने विकास का सूचक

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हृदय प्रदेश ने दुनिया को दिया समावेशी विकास का मंत्र
-जी-20 के थिंक 20 ने जारी 6 सूत्रीय भोपाल घोषणा पत्र

भोपाल। जीडीपी छोड़कर जीवन स्तर को विकास का सूचक माना जाय। समावेशी विकास के लिये दुनिया को यह अवधारणा जी-20 के थिक 20 से मिली है। ग्लोबल गवर्नेंस विद लाइफ, वैल्यूज एंड वेलबीइंग-फोस्टरिंग कोऑपरेशन इन फ्रेमवर्क, फाइनेंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर आयोजित दो दिवसीय मंथन के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है। समापन समारोह के दौरान जारी भोपाल घोषणा पत्र में शामिल 6 अहम बिंदुओं में इसको पहले स्थान पर रखा गया है।

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    सम्मेलन के परिणामों को साझा करते हुए आरआईएस के महानिदेशक सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि विकास का मॉडल समावेशी होना चाहिए। जिसमें यह ध्यान दिये जाने की जरूरत है कि विकास का पैमाना जीवन स्तर पर आधारित स्थिर सिद्धांत पर आधारित हो। इसके लिये वित्तीय संस्थाओं को नीतियों में परिवर्तन जरूर करना पड़ेगा। बशर्ते यह विकाशसील देश बनने की ओर अग्रसर देशों की वित्तीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नियम बनाये जाएं। विकास परिवर्तन के दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए श्री चर्तुेवेदी ने कहा कि इसमें महिलाओं की भूमिका को पहचाने जाने की जरूरत है। इसके साथ ही बच्चों  पोषण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जैसे विशिष्ट मुद्दों को प्राथमिकता देने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही कोविड-19 महामारी और परिणामी स्वास्थ्य संकट, एलडीसी पर असमान बोझ, देशों में असमान विकास, आपूर्ति-श्रृंखला व्यवधान आदि ने विकास की बहुआयामी प्रकृति पर व्यापक चर्चा आवश्यकता  और तकनीकि और नैतिक मूल्यों के साथ काम करने की आवश्यकता पर भी यहां जोर दिया गया। यह तभी हो सकता है जब हर इंसान एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना में तकनीक और हरित-नेतृत्व वाली आर्थिक वृद्धि और विकास का हिस्सा माना जाय।

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घोषणा पत्र की यह सिफारिशें
-वैश्विक आर्थिक परिदृश्य – वैकल्पिक समाधानों की आवश्यकता
-जीवन और मूल्य आधारित विकास प्रतिमान
-एसडीजीएस में तेजी लाना
-व्यापार, निवेश और वैश्विक मूल्य श्रृंखला
-एक स्वास्थ्य
-बच्चे-हमारा भविष्य
-आपदा प्रबंधन अवसंरचना का वित्तपोषण


काबिलेगौर बात यह भी..
दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया-अदजेई ने कहा, एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य का जी20 विजन है कि, व्यक्तियों और राष्ट्रों की मस्तिष्क शक्ति या संज्ञानात्मक क्षमताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके लिए एक नए विकास मॉडल की आवश्यकता है। जी20 की अगुवाई में भारत के साथ यह नया मॉडल सामने आएगा।

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