गोरखपुर
एसएसपी जोगेन्द्र कुमार ने अपने समय में हुए बड़े गुडवर्क पर करीब तीन लाख से ज्यादा की रकम इनाम में बांटी है। अगर पुराने इनाम की रकम के हिसाब भी चुका दिए जाएं तो कई पुलिसकर्मी लखपति बन जाएंगे। लेकिन पुराने हिसाब अब बट्टा खाते में डाल दिए गए हैं।अपनी जान जोखिम में डालकर बदमाशों को पकड़ने वाले पुलिस कर्मियों को पहली बार इनाम की रकम दी गई है।
अब तक उन्हें इनाम की रकम से सिर्फ ‘आभास’ ही कराया जाता था।किसी बड़े गुडवर्क या इनामी बदमाश को पकड़ने पर अभी तक घोषित रकम को रैंक के हिसाब से बंटवारा कर पुलिस कप्तान के ऑफिस में स्थित रिवार्ड रजिस्ट्रर पर इसे चढ़ा दिया जाता था। असल में यह रकम वर्चुअल ही रहती थी। यानी ऐसी रकम जिसे कभी खर्च नहीं कर सकते। लेकिन कप्तान जोगेन्द्र कुमार ने अपने समय में हुए गुडवर्क में इस थ्योरी को बदल दी है। उन्होंने न सिर्फ रिवार्ड रजिस्टर पर उस रकम को चढ़वाया बल्कि पुलिसकर्मियों को उस रकम की भुगतान भी कराई। क्राइम ब्रांच में तैनात एक सब इंस्पेक्टर ने बताया कि पिछले तीन साल में क्राइम ब्रांच ने अकेले ही 25 लाख रुपये का रिवार्ड रजिस्टर पर इनाम के रूप में भरा है। उसमें मेरा व्यक्तिगत हिस्सा तीन लाख रुपये के करीब बनता है पर इनाम की रकम कभी मिलती नहीं थी।
इनाम की रकम सर्विस बुक में चढ़ जाती है। हाथ में एक फूटी कौड़ी भी नहीं आती थी। नौकरी के दौरान पहली बार इनाम की रकम हाथ में मिली है। क्राइम ब्रांच में ही तैनात एक कांस्टेबल बताते हैं कि नौ साल बाद उन्हें इनाम की रकम मिली है। इससे पहले असीम अरुण जब जिले के कप्तान हुआ करते थे तब इनाम की रकम मिलती थी। इनाम की रकम लेने के लिए पुलिसवालों को कागजी प्रक्रिया करनी होती है। उन्हें एकाउंट विभाग में आवेदन करना होता है। इसके लिए इनामी बदमाश को गिरफ्तार करने वाली फर्द में शामिल पुलिसवालों का इनाम की रकम में रैंक के हिसाब से हिस्सा बंटता है।
विभाग प्रभारी से लेकर कप्तान तक से हस्ताक्षर कराने के बाद उसे एकाउंट विभाग में दाखिल किया जाता है। हालांकि यह सब होने के बाद भी जब कप्तान का ध्यान जाता है तभी रकम का भुगतान होता है। इस बार सिर्फ कागजों में न चढ़कर पुलिसकर्मियों को इनाम की राशि मिली है। वर्ष 2020 में गोरखपुर में 45 इनामी बदमाश पकड़े गए। वर्तमान एसएसपी के कार्यकाल में सिर्फ छह ही इनामी इसमें से पकड़े गए हैं। हालांकि 2020 में पकड़े गए सभी बदमाशों पर रखे गए इनाम की रकम जोड़ दें तो छह लाख से ज्यादा रुपये का उन पर इनाम था। इन्हें पकड़ने में ज्यादातर योगदान क्राइम ब्रांच का ही रहा है। शाहपुर में शिक्षिका हत्याकांड, गगहा में ईंट भट्ठे पर पड़ी डकैती सहित अन्य कई बड़ी घटनाओं में गुडवर्क करने वाली टीम को एसएसपी ने इनाम की रकम दी है।
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