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गणतंत्र दिवस समारोह बिना मेहमान के मनया जायगा

नई दिल्ली 
यह चौथा ऐसा मौका होगा जब भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई भी चीफ गेस्ट नहीं होगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया है. इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर बोरिस जॉनसन मुख्य अतिथि थे. बोरिस ने कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते भारत दौरा रद्द किया है. बोरिस के इस फैसले के बाद जानकारी मिली है कि इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी भी मुख्य अतिथि को नहीं बुलाया जाएगा. 

इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में ऐसा हो चुका है. वहीं, कई बार ऐसे मौके भी आए जब देश के गणतंत्र दिवस समारोह में दो-दो अतिथि भी शामिल हुए. साल 1956, 1968 और 1974 में दो-दो मुख्य अतिथि शामिल हुए. साल 2018 में 10 एशियाई देशों के प्रमुख गेस्ट के रूप में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे. यह पहला मौका था जब इतने देशों के मुखिया 26 जनवरी के परेड में शामिल हुए थे. बोरिस ने अपने फैसले पर खेद भी जताया है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की और भारत नहीं आ पाने के लिए खेद व्यक्त किया. 

पीएम से बात करते हुए जॉनसन ने कहा कि जिस गति से ब्रिटेन में नया कोरोना वायरस फैल रहा है, उनके लिए ब्रिटेन में रहना महत्वपूर्ण है, ताकि वह वायरस की घरेलू प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित कर सकें.26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था, लेकिन उनका कार्यक्रम अब रद्द हो गया है. दरअसल कोरोना के नए स्ट्रेन के कहर के चलते ब्रिटेन में फिर से टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है. बोरिस जॉनसन ने उम्मीद जताई है कि हालात सुधरने पर वो इसी साल भारत का दौरा करेंगे. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को भारत सरकार ने 26 जनवरी के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का न्यौता दिया था.

 इस पर ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने अपनी सहमति भी जता दी थी, लेकिन अचानक बदले हालात के मद्देनजर उन्हें अपना भारत दौरा रद्द करना पड़ा है. पीएम मोदी ने भी ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के हालात पर चिंता जताते हुए उम्मीद जताई है कि स्थिति जल्द सुधरेगी. जानकारी मिली है कि बदली हुई परिस्थितियों में गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई विदेशी चीफ गेस्ट नहीं बुलाया जाएगा. कोरोना संक्रमण को देखते हुए 26 जनवरी का कार्यक्रम भी सादगी और कोरोना प्रोटोकॉल के साथ ही मनाया जाएगा. कोरोना का नया स्ट्रेन भारत में भी चिंता बढ़ा रहा है. लेकिन ब्रिटेन में स्थिति बहुत गंभीर हो चली है. रोजाना संक्रमण के आंकड़े और मौत की संख्या पिछले रिकॉर्ड से काफी ऊपर निकल चुकी है. यही वजह है वैक्सीनेशन शुरू होने के बावजूद ब्रिटेन में तीसरी बार लॉकडाउन लगाना पड़ा है.

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