नई दिल्ली
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को मंजूरी दिए जाने को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और मिलिंद देवड़ा ने सवाल उठाए हैं। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि जिस तरह से तीसरे फेज के ट्रायल का डाटा मौजूद ना होने के बावजूद इसके इस्तेमाल की इजाजत दी गई, वो ठीक नहीं है। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ विरोध के लिए विरोध की बात नहीं है, ये जरूरी है कि कोवैक्सीन को लेकर जो सवाल हैं उनका जवाब मिले और इसको लेकर सबका भरोसा बने। मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि वो इस मामले को राजनीति के हिसाब से नहीं देख रहे हैं और ना ही वो भारत बायोटेक पर कोई सवाल कर रहे हैं। उनका सवाल लाखों लोगों की सुरक्षा को लेकर है। अगर एक्सपर्ट कोई सवाल उठा रहे हैं तो उस पर स्पष्टीकरण जरूरी है। सरकार को वैक्सीन में जनता के विश्वास के लिए सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि कोरोना महामारी और फिर वैक्सीन को भाजपा चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। बिहार में हमने ये देखा और अब वैक्सीन को लेकर भी ये हो रहा है। तीसरे फेज के ट्रायल के रिजल्ट के बिना वैक्सीन को मंजूरी दी जा रही है।
इसस पहले दो सीनियर कांग्रेस नेता, शशि थरूर और जयराम रमेश भी कोवैक्सीन को अप्रूवल में जल्दी को लेकर सवाल कर चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि भारत बायोटेक बड़ी कंपनी है, लेकिन ये हैरान करने वाला है कि इसकी वैक्सीन कोवैक्सीन के लिए फेज-3 के ट्रायल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रोटोकॉल संशोधित किए जा रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि कोवैक्सीन ने अभी तीसरे फेज का ट्रायल भी पूरा नहीं किया है। वक्त से पहले मंजूरी जोखिम भरा हो सकता है ऐसे में ट्रायल से पहले वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए।
भारत बायाटेक की कोवैक्सीन को रविवार को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। कोवैक्सीन को अनुमति दिए जाने को लेकर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं, ये सवाल तीसरे फेज के ट्रायल के डाटा को लेकर हैं। एक्सपर्ट ने कहा है कि कोवैक्सीन के पहले और दूसरे फेज के ट्रायल के जो नतीजे हैं, वो अच्छे हैं लेकिन नवंबर में शुरू हुए तीसरे फेज के ट्रायल का डेटा अभी तक पूरा नहीं आया है। ऐसे में तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे आने से पहले वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े होते हैं। वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन की क्लोज मॉनिटरिंग की अपील की है।
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