नई दिल्ली
आखिर कोरोना वायरस के दुनियाभर में फैलने की सच्चाई क्या है, चीन के वुहान शहर में इसके उत्पत्ति का रहस्य क्या है? चीन नहीं चाहता कि इन सभी सवालों पर से पर्दा हटे और यही वजह है कि ड्रैगन कोरोना की जांच को रोकने की हर संभव कोशिश करता दिख रहा है। चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ की एक टीम को अपने यहां आने से रोक दिया है, जो वहां कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति की जांच के लिए बनी है। चीन ने यह कहकरडब्लूएचओ की टीम को अपने यहां आने से रोक दिया है कि टीम के सदस्यों के वीजा को अभी मंजूरी नहीं मिली है, जबकि टीम के कुछ सदस्य यात्रा शुरू भी कर चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम ग्रेबेसियस ने चीन की इस हरकत पर नाराजगी जताई है और उन्होंने कहा कि उन्होंने टीम को एंट्री की अनुमति देने के लिए चीन को फोन किया था। उन्होंने कहा, 'मैं इस खबर से बहुत निराश हूं, यह देखते हुए कि दो सदस्य पहले ही अपनी यात्रा शुरू कर चुके हैं और बाकी सदस्यों को अंतिम क्षण में यात्रा नहीं करने दी गई। हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि मैं वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के संपर्क में हूं और मैंने एक बार फिर साफ कर दिया है कि ये मिशन डब्ल्यूएचओ और अंतर्राष्ट्रीय टीम की प्राथमिकता में शामिल है।
ट्रेडोस ने कहा कि उन्होंने यह ''स्पष्ट कर दिया था कि यह मिशन संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की प्राथमिकता है और उन्हें यह '' आश्वासन दिया गया था कि चीन इसके लिए आंतरिक प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द मिशन शुरू करना चाहते हैं। विश्वभर के विशेषज्ञों के वुहान पहुंचने की संभावना है, जहां एक साल पहले कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात कार्यक्रमों के प्रमुख माइकल रेयान ने कहा कि विशेषज्ञों को मंगलवार से वहां पहुंचना था, लेकिन उन्हें वीज़ा सहित अन्य आवश्यक मंजूरी नहीं दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से पिछले साल मुलाकात की थी। बता दें कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने वैज्ञानिकों की एक टीम का गठन किया है। यह टीम चीन के वुहान का दौरा करेगी और इसकी उत्पत्ति की जांच करेगी, क्योंकि कोरोना वायरस का पहला केस इसी शहर में मिला था। गौरतलब है कि पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 194 सदस्य देशों वाले संचालक मंडल विश्व स्वास्थ्य सभा ने (कोरोना वायरस के संदर्भ में) अंतरराष्ट्रीय एवं डब्ल्यूएचओ के कदमों के निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं समग्र मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र जांच कराये जाने का प्रस्ताव पारित किया था। उसने डब्ल्यूएचओ से इस वायरस के स्रोत और मानव जाति तक उसके पहुंचने के मार्ग की जांच करने को भी कहा है।
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