भोपाल
प्रदेश के सभी सांसदों ने एक साल से कोरोना की लड़ाई में दिन रात जुटी राज्य सरकार की मदद के लिए खुलकर हाथ नहीं खोले हैं। हालांकि कई सांसदों ने अपनी निधि से राशि का आवंटन किया भी है लेकिन अब तक सांसद निधि से खर्च राशि के ब्यौरे से पता चलता है कि चालीस में से दस सांसदों ने पचास फीसदी राशि भी जनहित के लिए नहीं दी है। सबसे खराब परफार्मेंस इंदौर सांसद शंकर लालवानी का आया है जिन्होंने राशि का आवंटन तो 4.97 करोड़ किया है लेकिन खर्च का प्रतिशत सिर्फ 19.37 प्रतिशत ही आया है। ऐसी ही स्थिति कई अन्य सांसदों के साथ भी है।
उधर यह बात भी सामने आई है कि केंद्र सरकार ने एक साल पहले राज्यसभा के लिए निर्वाचित तीन सांसदों को फंड ही रिलीज नहीं किया है। प्रदेश के 40 लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों में 6 सांसद ऐसे हैं जिन्होंने 90 फीसदी से अधिक राशि खर्च की है। इनमें सांसद थावरचंद्र गहलोत, संपतिया उइके, राजमणि पटेल, छतरसिंह दरबार, अनिल फिरोजिया, जनार्दन मिश्रा के नाम शामिल हैं।
राज्यसभा के एक साल पहले सदस्य बने दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को 2.5 करोड़ रुपए खर्च करने की पात्रता है लेकिन इन नेताओं को अभी तक केंद्र सरकार की ओर से फंड रिलीज नहीं किया गया है। इसलिए इनकी ओर से किया गया खर्च भी जीरो है। इन नेताओं ने कोरोना महामारी के दौर में अपने स्तर पर ही लोगों की मदद करने का काम किया है।
प्रदेश में सांसद निधि खर्च करने वाले सांसदों के प्रतिशत में सबसे आगे राज्य सभा सदस्य थावर चंद गहलोत का नाम है जिन्होंने 96.65 प्रतिशत राशि खर्च की है। थावर चंद ने 10 करोड़ रुपए में से 9.87 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके विपरीत सबसे अधिक राशि खर्च करने के मामले में राज्यसभा सदस्य संपतिया उइके का नाम है। संपतिया उइके ने 27.5 करोड़ में 25.94 करोड़ रुपए क्षेत्र की जनता के लिए सार्वजनिक प्रयोजन के लिए दिए हैं।
राजमणि पटेल ने दस करोड़ में से 9.33 करोड़ खर्च किए हैं। लोकसभा सदस्यों की सांसद निधि से सर्वाधिक खर्च करने वाले सांसदों में जनार्दन मिश्रा ने 4.81 करोड़, अनिल फिरोजिया ने 4.79 करोड़ व छतरसिंह दरबार ने 4.79 करोड़ रुपए सांसद निधि से मिले पांच करोड़ रुपए में से खर्च किए हैं।
जिन लोकसभा सांसदों की सबसे कम राशि सांसद निधि से खर्च की गई है, उनमें इंदौर सांसद शंकर लालवानी की 19.37 फीसदी, दुर्गादास उइके की 34.17 प्रतिशत, फग्गन सिंह कुलस्ते की 27.23 प्रतिशत, विवेक नारायण शेजवलकर की 31.01 प्रतिशत, गजेंद्र सिंह पटेल की 33.5 प्रतिशत, रीती पाठक की 22.49 प्रतिशत, वीरेंद्र कुमार की 37.9 प्रतिशत व्यय की गई राशि शामिल है।
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