भोपाल
चौथी पारी में नए अंदाज में सरकार चला रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की टीम में तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत फिर प्लेयर की भूमिका में आ गए हैं। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इन दोनों ही विधायकों को आज राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर सीएम शिवराज के अलावा मंत्रिमंडल के सहयोगी और अधिकारी मौजूद रहे। इन दोनों के मंत्री पद की शपथ के बाद अब शिवराज कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या तीस हो गई है। मंत्रियों के बाद मप्र के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक को भी शपथ दिलाई गई।
विधायक तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत ने आज मंत्री पद की शपथ ली। शपथ के दौरान सिलावट एक शब्द भूल गए जिसके चलते उन्हें दोबारा शपथ लेनी पड़ी। शिवराज कैबिनेट में दो जुलाई को हुए विस्तार के बाद कुल मंत्रियों की संख्या 33 थी। सीएम समेत 35 मंत्रियों की संख्या प्रदेश मंत्रिमंडल में हो सकती है लेकिन तब सीएम चौहान ने एक पद रिक्त रखा था। इसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत विधायक निर्वाचित हो गए लेकिन 21 अप्रेल को ली गई शपथ के छह माह के भीतर मंत्री नहीं बन पाने के कारण उनका मंत्री पद छिन गया था। इस बीच तीन मंत्री एदल सिंह कंसाना, इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए। इसके बाद मंत्रियों की संख्या 28 हो गई थी।
मंत्रियों की शपथ के डेढ़ घंटे बाद राजभवन के मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी की मौजूदगी में रफीक को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
तुलसी सिलावट ने मीडिया से चर्चा में शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिव ज्योति की जोड़ी मध्यप्रदेश में इतिहास रचेगी। मंत्री तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को उनके पुराने विभाग मिल सकते हैं। क्योंकि दोनों ही मंत्रियों का पूर्व में छह माह का कार्यकाल पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री ने इनके विभाग किसी को नहीं सौंपे हैं। मंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे भाजपा विधायकों को कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी। भाजपा विधायकों को आस है कि गोविन्द राजपूत और तुलसी सिलावट को मंत्री बनाने के बाद रिक्त चार पदों पर उन्हें मौका मिल सकता है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने आज मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाए रखी। हालांकि जब यह शपथ हुई उस वक्त वे दिल्ली से भोपाल को लौट रहे थे। बताया जाता है कि नाथ एयरपोर्ट से सीधे राजभवन पहुंचेंगे। जहां पर वे मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद वे अपने बंगले पर जाएंगे, जहां वे अपनी कोर टीम के साथ बैठक कर सकते हैं।
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