भोपाल
जन-जातीय कार्य मंत्री सुमीना सिंह ने कहा है कि जन-जातीय क्षेत्रों में केन्द्र सरकार की आर्थिक मदद से चलने वाले विकास कार्यों को समय-सीमा में पूरा किया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि जिन विभागों ने योजनाओं के लिये राशि का अब तक उपयोग नहीं किया है, उन्हें वापस लेकर अन्य योजनाओं पर खर्च किया जाये। जन-जातीय कार्य मंत्री सुमीना सिंह आज मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थीं। बैठक में विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत और संविधान के अनुच्छेद के अंतर्गत केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि से किये जाने वाले कार्यों की पिछले 4 वर्षों की प्रगति की समीक्षा की गयी। बैठक में बताया गया कि विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत पिछले 4 वर्षों में केन्द्र सरकार से 835 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। इस वर्ष 152 करोड़ रुपये की राशि इस मद में प्राप्त हुई है। बैठक में बताया गया कि संविधान के अनुच्छेद-275 (1) के अंतर्गत पिछले 3 वर्ष में जन-जातीय क्षेत्र के 89 ब्लॉक के लिये 952 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। इस वर्ष करीब 184 करोड़ की राशि और प्राप्त हुई है। प्राप्त राशि से हितग्राही-मूलक योजना और अधोसंरचना के काम प्राथमिकता से करवाये जा रहे हैं। बैठक में प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल, आयुक्त जन-जातीय कार्य संजीव सिंह और संचालक संचालनालय आदिम-जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएँ सुशैलबाला मॉर्टिन उपस्थित थीं।
स्पेशल रेसिडेंसियल एकेडमिक सोसायटी के संचालक मण्डल की बैठक
जन-जातीय कार्य मंत्री सुमीना सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में मध्यप्रदेश स्पेशल रेसिडेंसियल एकेडमिक सोसायटी के संचालक मण्डल की 36वीं बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में जन-जातीय क्षेत्रों में 126 आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में करीब 63 हजार जन-जातीय वर्ग के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन आवासीय विद्यालयों में 64 एकलव्य आदर्श, 54 कन्या शिक्षा परिसर और 8 आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। बैठक में शिक्षकों की भर्ती और स्मार्ट-क्लॉस बनाये जाने के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ कि प्रत्येक आवासीय विद्यालय में कम से कम 4 कक्षाओं को स्मार्ट-क्लॉस के रूप में परिवर्तित किया जाये। जन-जातीय कार्य मंत्री ने निर्देश दिये कि सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक आवासीय विद्यालय में बाउण्ड्री-वॉल बनाया जाना सुनिश्चित किया जाये। बैठक में बताया गया कि एकलव्य आवासीय विद्यालय में प्रति विद्यार्थी वार्षिक रूप से 37 हजार रुपये की राशि खर्च की जा रही है। संस्था को प्रति छात्र के मान से स्पोर्ट्स, मेडिकल, सांस्कृतिक गतिविधियों, लायब्रेरी सहित अन्य सुविधाओं के लिये करीब 10 हजार 860 रुपये की राशि अतिरिक्त रूप से उपलब्ध करवायी जा रही है।
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