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किशोर बियानी को मिली राहत,SAT ने लगाया सेबी के आदेश पर स्टे

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   नई दिल्ली

शेयर बाजार में कारोबार पर लगे बैन के मामले में फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर किशोर बियानी को राहत मिली है. सिक्यूरिटीज अपीलेट ट्राइब्यूनल (SAT) ने सेबी के उस आदेश पर स्टे लगा दिया है जिसके द्वारा बियानी पर प्रतिभूति बाजार में एक साल के लिए कारोबार पर रोक लगा दी गई थी.

हालांकि SAT ने फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर्स को यह निर्देश दिया है कि अंतरिम उपाय के रूप में वह 11 करोड़ रुपये की राशि जमा करे. फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड (FCRPL) ने एक बयान में कहा कि 15 फरवरी को हुई सुनवाई में SAT ने सेबी के आदेश पर रोक लगा दी है. इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी.

क्या है मामला

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के प्रमोटर रहे किशोर बियानी को सिक्यूरिटीज बाजार से एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. आदेश में कहा गया था कि वह एक साल तक अब शेयर बाजार में कारोबार नहीं कर पाएंगे. इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में उन पर यह प्रतिबंध लगाया गया था.

क्या है किशोर बियानी पर आरोप

किशोर बियानी पर 10 मार्च से 20 अप्रैल, 2017 की अवधि में इनसाइडर ट्रेडिंग कारोबार का आरोप है. उनके अलावा अनिल बियानी, फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड तथा एफसीआरएल इंप्लाई वेलफेयर ट्रस्ट को भी एक वर्ष के लिए सिक्यूरिटीज बाजार से प्रतिबंधित किया गया था.

सेबी ने किशोर बियानी, अनिल बियानी और फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया.  तीनों से कहा गया है कि वे गलत तरीके से कमाए 17.78 करोड़ रुपये वापस करें.

इनसाइडर ट्रेडिंग को भेदिया कारोबार भी कहते हैं. निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने भेदिया कारोबार पर रोक लगाई है. जब किसी कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई आदमी उसकी अंदरूनी जानकारी होने के आधार पर उसके शेयर खरीद या बेचकर गलत ढंग से मुनाफा कमाता है तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग या भेदिया कारोबार कहा जाता है.

इसके तहत सार्वजनिक न होने वाले न होने वाले मूल्य संवेदनशील जानकारी (यूपीएसआई) का दुरुपयोग करके शेयर बाजार में अवैध कमाई करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है.

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