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कल देश का केंद्रीय बजट पेश होगा, बजट से जुड़ी 7 रोचक बातें

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नई दिल्ली

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल देश का केंद्रीय बजट 2021 पेश करेंगी। वैसे तो हमेशा ही बजट पर उद्योग और व्यापार जगत के साथ ही पूरे देश की निगाहें रहती हैं लेकिन इस बार का बजट कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यस्था में भारी गिरावट के बीच पेश किया जा रहा है। ऐसे में सभी को इस बार बजट में सरकार से राहत की उम्मीद है। आइए इस बीच हम आपको बजट के इतिहास और इससे जुड़ी परंपरा को लेकर कुछ रोचक बाते बताते हैं। 

पहला बजट भारत का पहला बजट 18 फरवरी 1860 को पेश किया गया था। इसे उस समय वायसराय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य जेम्स विल्सन ने पेश किया था। जेम्स विल्सन को चार्टर्ड बैंक के संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है जिसका 1969 में स्टैंडर्ड बैंक में विलय हो गया था और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक बना था। लाल ब्रीफकेस भारत में वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए लाल ब्रीफकेस लेकर आया करते थे लेकिन 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन लुक देते हुए इसे कपड़े का बनवाया और इसे लेकर सदन में पहुंची। इसे खाता बही का नाम दिया गया। इसकी परंपरा भी ब्रिटेन से अपनाई गई है जहां इसे बजट चीफ विलियम ग्लैडस्टोन ने शुरू किया था। वे अपने लम्बे बजट भाषण के लिए जाने जाते थे और इसलिए उन्हें सारे कागज रखने के लिए ब्रीफकेस की जरूरत पड़ती थी। 

ब्लू शीट केंद्रीय बजट की शुरुआत पेपर की ब्लू शीट होती है जिस पर नंबर लिखे होते हैं। इसे बजट का ब्लू प्रिंट कहा जाता है। ये ब्लू शीट टॉप सीक्रेट होती है और इसकी पूरी जिम्मेदारी बजट के संयुक्त सचिव की होती है। बजट का छापाखाना बजट छापने के लिए अपना एक बहुत की सीक्रेट छापाखाना है। बजट को पहले राष्ट्रपति भवन में छापा जाता था लेकिन 1950 में वहां पर एक लीक हो गया। इसके बाद से बजट की छपाई का मिंटो रोड स्थित प्रेस में शिफ्ट कर दिया गया और उसके बाद नॉर्थ ब्लॉक के एक बेसमेंट में कर दिया गया और तब से यह जगह ही बजट की छपाई का स्थायी ठिकाना बन गया है। 

हलवा रस्म ये रस्म बजट की प्रिंटिंग को लेकर की जाती है। इसके लिए वित्त मंत्री एक कड़ाही में हलवा बनाते हैं और इसे वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को खिलाते हैं। इसके बाद बजट की प्रिंटिंग प्रक्रिया शुरू की जाती है। हलवा प्रक्रिया के बाद से बजट की तैयारी में लगे कर्मचारी परिवार से अलग होकर नॉर्थ ब्लॉक में ही रहते हैं। यह बजट को किसी लीक से बचाने के लिए किया जाता है। सबसे ज्यादा बार पेश किया बजट मोरार जी देसाई देश में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने 10 बार भारत का केंद्रीय बजट पेश किया है। 

इसके साथ ही 1964 और 1968 की 29 फरवरी को 2 बार अपने जन्मदिन पर भी बजट पेश किया था। पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था। ब्लैक बजट 1973-74 का बजट गंभीर आर्थिक मुश्किल के दौरान पेश किया गया था। इसे ब्लैक बजट कहा गया था। यह बुरे मानसून और 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद आया था। इसमें 550 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया था। इसमें बीमा कंपनियों और कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण करने की योजना पेश की गई।  

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