कल ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और NH-9 पर किसान करेंगे ट्रैक्टर मार्च का ‘ड्रेस रिहर्सल’
गाजियाबाद
नए कृषि कानूनों के विरोध में गाजियाबाद के यूपी गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान गुरुवार सुबह 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर अपने "दिल्ली चलो" का "ड्रेस रिहर्सल" करेंगे। NH-9 सहित दो नेशनल हाईवे से गुजरने वाले लोगों पर इस रिहर्सल का असर होने की संभावना है। हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों ने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टरों की अनुमति नहीं है। आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। ये किसान भी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर अन्य प्रदर्शनकारियों तरह तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक नया कानून की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ उनकी वार्ता अंतिम दौर में पहुंच चुकी है, लेकिन कानूनों को रद्द करने पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ जबकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे संशोधनों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होनी है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के स्टेट प्रेजिडेंट राजबीर सिंह ने कहा, “26 जनवरी को हमारे 'दिल्ली चलो' के एक ड्रेस रिहर्सल के रूप में हमारे किसान ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे और डासना इंटरचेंज से एक्सप्रेस-वे में प्रवेश करेंगे। बागपत से अन्य लोग भी डासना में शामिल होंगे। ट्रैक्टरों को ठीक से खड़ा किया जाएगा और ट्रॉलियां मार्च का हिस्सा नहीं होंगी। इसके बाद ट्रैक्टर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पलवल जाएंगे और वापस डासना आएंगे।” उन्होंने कहा, “हर ट्रैक्टर पर राष्ट्रीय ध्वज और बीकेयू का झंडा लगा होगा। अनुमान है कि लगभग 500-600 ट्रैक्टर इस रिहर्सल में भाग लेंगे। हमारे नेता पहले ही कह चुके हैं कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम 26 जनवरी को दिल्ली जाएंगे। इसलिए, एक तरह से हम गुरुवार को पूर्वाभ्यास कर रहे हैं।” एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि किसानों के ट्रैक्टर मार्च से दोनों प्रमुख हाईवे पर यातायात प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर प्रति दिन लगभग 50000 यात्री कारें गुजरती हैं जबकि यूपी गेट मार्ग पर लगभग 80000 वाहन गुजरते हैं।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने कहा, “ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे में ट्रैक्टरों की अनुमति नहीं है और अगर किसान मार्च निकालते हैं तो ट्रैफिक बाधित होगा। हम इस बारे में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे। पहले से ही, किसानों ने पलवल और सोनीपत में दो बड़े टोल फ्री कर दिए हैं और यह राजस्व को भी प्रभावित कर रहा है। अनुमान है कि टोल से हमें प्रति दिन लगभग 90 लाख रुपये मिलते हैं, लेकिन 25 दिसंबर से हमें प्रति दिन केवल लगभग 25 लाख रुपये ही मिल रहे हैं।” गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने कहा कि उन्होंने किसानों से बात की है और उनसे नियम-कानूनों का पालन करने के लिए कहा है। साथ ही अधिकारियों की हमारी समिति पहले से ही किसान नेताओं के संपर्क में है। हम यह भी कहेंगे कि पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक तैनाती करनी होगी ताकि यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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