इमरान खान से जिनपिंग ने निभाई ‘दोस्ती’, PLA ने पाकिस्तानी सेना को भेजी कोरोना वैक्सीन की डोज
बीजिंग
पाकिस्तान और चीन की दोस्ती किसी भी देश से छिपी हुई नहीं है। एक-दूसरे के यहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों से मुंह मोड़कर, दोनों ही देश एक-दूसरे की मदद को कई बार सामने आते रहते हैं। इसी कड़ी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने रविवार को पाकिस्तानी सेना को कोविड-19 वैक्सीन का पहला बैच सौंप दिया। इस तरह से पाकिस्तानी सेना पहली सेना हो गई है, जिसे चीन ने कोरोना का टीका दिया है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पीएलए ने इसके साथ ही, कंबोडियन आर्मी के लिए भी रविवार को वैक्सीन भेजी है। चीन और पाकिस्तान एक-दूसरे को 'भाई' जैसा मानते हैं, लेकिन चीन के कंबोडिया के साथ रिश्ते भी काफी करीबी हैं।
चीन के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को टीकों को वितरित करने पर अलग-अलग बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तानी सेना अपने चीनी समकक्ष से 'वैक्सीन सहायता' प्राप्त करने वाली पहली सेना है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, "चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने रविवार को अनुरोध पर पाकिस्तानी सेना को कोविड -19 टीकों का एक बैच दिया।" मंत्रालय ने आगे कहा, ''चीनी सेना से कोरोना की वैक्सीन लेने वाली पाकिस्तानी सेना पहली विदेशी सेना बन है।'' वैक्सीन भेजते हुए रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो भी जारी किया है। ये वैक्सीन्स चीन की सरकारी दवा कंपनी सिनोफार्म द्वारा बनाई गई हैं। बयान में कहा गया है कि चीनी पीएलए इंसानों के लिए सामान्य स्वास्थ्य के समुदाय के निर्माण में सकारात्मक योगदान देती रहेगी। हालांकि, बयान में पाकिस्तान की सेना को दी गई वैक्सीन की खुराक की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
उधर, चीनी रक्षा मंत्रालय ने कंबोडियाई सेना को टीके दिए जाने पर इसी तरह का बयान जारी करते हुए कहा, "कंबोडियन सेना चीनी सेना से कोविड वैक्सीन की सहायता पाने वालों में से एक है।'' चीनी मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि पिछले हफ्ते चीन ने 500000 कोरोना वैक्सीन्स की खुराकों को पाकिस्तान भेजा है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस्लामाबाद से टीके में मदद करने का वादा किया था। पाकिस्तान के अलावा, चीन 13 विकासशील देशों को वैक्सीन सहायता भी प्रदान कर रहा है, जिसमें ब्रुनेई, नेपाल, फिलीपींस, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका, मंगोलिया, फिलिस्तीन, बेलारूस, सिएरा लियोन, जिम्बाब्वे और इक्वेटोरियल गिनी शामिल हैं। इसके अलावा, 38 ऐसे विकासशील देश हैं, जिन्हें आगे आने वाले समय में वैक्सीन की जरूरत होगी।
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