इन गायों के दूध पीने से हो सकती हैं डायबिटीज और दिल की बीमारी, जानें कौन सा दूध है सेहत के लिए फायदेमंद
दूध एक सुपरफूड है जिसे हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है क्योंकि ये विटामिन्स और कंपाउड्स से भरपूर है। हम सभी ने कई तरह के डेयरी मिल्क जैसे गाय का दूध, भैंस का दूध, ऊंट का दूध, बकरी का दूध के बारे में सुना है। वेगन डाइट फॉलो करने वाले दूध में बादाम मिल्क, काजू मिल्क, जई का दूध, नारियल का दूध और सोया दूध का सेवन करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं दूध की ही वेरायटी में A1 और A2 दूध के प्रकार क्या हैं? आज हम आपको इस लेख में A1 और A2 दूध के बारे में जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं कि वास्तव में A1 और A2 दूध हैं क्या।
A1 मिल्क क्या है?
पश्चिमी नस्ल की गायों जैसे जर्सी, होल्स्टीन और फ्राइजियन गायों से प्राप्त दूध को A1 दूध कहा जाता है। इस मिल्क में A1 कैसिइन प्रोटीन पाया जाता है जिस कारण इसका नाम A1 दूध पड़ा है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि केसीन प्रोटीन अल्फा और बीटा जैसे प्रोटीन होते हैं। इसमें जो बीटा प्रोटीन होते हैं, उनका नाम A1 और A2 और जिसमें A1 बीटा प्रोटीन पाया जाता है, उसे ए1 क्वालिटी का दूध कहा जाता है।
A1 दूध का स्वास्थ्य पर प्रभाव
A1 दूध हेल्थ पर कई तरह से इफेक्ट् करता है। इसमें मौजूद BCM-7 या Beta Casomorphin-7 की उपस्थिति केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (nervous system) पर मॉर्फिन जैसे प्रभाव को पैदा करती है। एक बार जो भी इसका सेवन करता है इसे अपनी आदत में उतार सकता है और ये तंत्रिका विकार (neuro disorders) के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। साथ ही ये हमारी लर्निंग स्किन्स को भी इफेक्ट कर सकता है।
हाई लैक्टोज इंटोलरेंस के साथ, ए 1 दूध के प्रकार में कार्बोहाइड्रेट और फैट की मात्रा पाई जाती है जो मनुष्यों की गट यानी आंत में अनहेल्दी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकते है और इसे पीने से बच्चों की इम्यूनिटी भी कम हो जाती है।
इतना ही नहीं, A1 दूध आपके इंटरनल हार्मोनल सिस्टम पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके सेवन से टाइप 1 मधुमेह और दिल की बीमारी का जोखिम भी बढ़ सकता है।
A1 दूध में हिस्टामाइन भी होता है जो बच्चों में त्वचा एलर्जी, बहती नाक, अस्थमा और खांसी का कारण बन सकता है। इस दूध में लिपिड भी होते हैं जो बच्चों के चयापचय को प्रभावित कर सकते हैं।
यहां तक कि ये मिल्क बच्चों में मधुमेह और मोटापे जैसे दीर्घकालिक जोखिम को भी पैदा कर सकता है।
भारतीय नस्ल की गायों जैसे साहीवाल, गिर, लाल सिंधी आदि से प्राप्त किया गया दूध A2 मिल्क की श्रेणी में आता है। इस मिल्क में A2 कैसिइन प्रोटीन पाया जाता है जिस वजह से इसका नाम A2 मिल्क रखा गया है। ये मिल्क ब्रेस्टफीडिंग से प्राप्त दूध, भैंसों, बकरियों और भेड़ों के समान ही होता है।
भारतीय नस्ल की गायों जैसे साहीवाल, गिर, लाल सिंधी आदि से प्राप्त किया गया दूध A2 मिल्क की श्रेणी में आता है। इस मिल्क में A2 कैसिइन प्रोटीन पाया जाता है जिस वजह से इसका नाम A2 मिल्क रखा गया है। ये मिल्क ब्रेस्टफीडिंग से प्राप्त दूध, भैंसों, बकरियों और भेड़ों के समान ही होता है।
4. A2 दूध का स्वास्थ्य पर प्रभाव
A2 टाइप के दूध के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, क्योंकि यह बेहतर प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है।
A2 दूध में प्रोलाइन की उपस्थिति बीटा कैसोमोर्फिन -7 को हमारे शरीर तक पहुंचने से रोकने में मदद करती है, साथ ही ऑटिज्म और न्यूरो विकारों जैसी पुरानी बीमारियों से भी बचाव करती है।
A2 दूध के प्रकार में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त इसमें मौजूद पोटेशियम से ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
इस प्रकार के दूध में विटामिन ए होता है जिससे ये आपकी आंखों की सेहत के लिए लाभकारी है। आपको आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाता है और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को रोकता है।
दोनों मिल्क में अंतर
वैज्ञानिकों का मानना है कि A2 किस्म का दूध, A1 की तुलना में ज्यादा लाभकारी होता है। A2 दूध देसी नस्ल की गाय से प्राप्त किया जाता है जो कि ताजी और हरी घास खाती हैं। साथ ही A2 किस्म का दूध देने वाली गाय सफेद नहीं बल्कि गहरे भूरे कलर की होती है। इसमें A1 की अपेक्षा प्रोटीन और पोषक तत्व अधिक होते हैं।
इस तरह का दूध डायबिटिज, हृदय रोग एवं न्यूरोलॉजीकल डिसऑर्डर जैसी समस्याओं से मानवों का बचान करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है। वहीं, A2 को लेकर शोधकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय तक A1 टाइप का दूध पीने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्यांओं का जोखिम बढ़ जाता है।
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