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मध्य प्रदेश

आरजीपीवी ने अपने 95 हजार 372 स्टूडेंट्स का कराया वैक्सीनेशन

भोपाल

पांच मई से देश में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना टीका लगना शुरू हुआ था। तब से अब तक भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) से जुड़े 896 तकनीकी संस्थानों में 95 हजार 372 स्टूडेंट्स को वैक्सीन लग चुकी है। यह देश का ऐसा पहला विश्वविद्यालय है, जिसके पास अपने छात्र-छात्राओं के वैक्सीनेशन का पूरा डेटा है। सिर्फ 34293 स्टूडेंट ऐसे हैं, जिन्हें अब तक फर्स्ट डोज भी नहीं लगा। जबकि 61079 को पहली और 19527 को दूसरी डोज लग चुकी है।

वैक्सीनेशन करवा चुके स्टूडेंट्स में 78% छात्र, जबकि 22% छात्राएं हैं। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें यूनिवर्सिटी से फोन करके या मैसेज भेजकर सूचना दी जा रही है। विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि कितने स्टूडेंट् वैक्सीनेट हो चुके हैं, इसका हमारे पास अब पूरा डेटा है। जबकि भोपाल में बरकतउल्ला, भोज, हिंदी विश्वविद्यालय भी हैं, लेकिन इनके पास ऐसा कोई डेटा नहीं है।

सिर्फ 36% को नहीं लगा टीका, 20.5% को लग चुके दोनों डोज

आरजीपीवी अपने छात्रों की ऑनलाइन परीक्षाएं करवा रहा है। 15 दिन के भीतर फोर्थ, सिक्स और फाइनल ईयर की परीक्षा हुई हैं। इसी में ऑनलाइन पेपर के साथ एक फार्म भी स्टूडेंट को भेजा गया है। इसमें स्टूडेंट की वैक्सीनेशन डिटेल मांगी है। इसमें उसका नाम, पता और कौन सा डोज कब लगवाया, इसकी पूरी डिटेल मांगी गई। जब स्टूडेंट ने जानकारी दी तो एक साथ सभी स्टूडेंट का डाटा तैयार हो गया। इसके बाद सेकंड ईयर और डिप्लोमा कोर्सेस के पेपर होने हैं और उनकी भी डिटेल मांगी जाएगी।

गौरतलब है कि आरजीपीवी के 3 लाख स्टूडेंट हैं, जिनमें 1.5 लाख डिप्लोमा वाले हैं। वहीं, विवि में 225 लोग काम करते हैं और इन सभी ने फ़र्स्ट डोज लगवा ली है। सेकंड डोज के लिए केवल 20% लोग बचे हैं। सर्वाधिक वैक्सीन लगवाने वालों में लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी के 2385 स्टूडेंट आगे है। वहीं विद्यासागर कॉलेज ऑफ फार्मेसी, संघवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, अखिल भारती कॉलेज ऑफ फार्मेसी और भेरु लाल फार्मेसी इंस्टीट्यूट इंदौर में जीरो वैक्सीनेशन हुआ।

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