रायपुर
भिलाई महिला महाविद्यालय के 7 सहायक प्राध्यापकों को नियम विरुद्ध समय से पहले सेवानिवृत्त करने को प्रबंधन की मनमानी तरीके से की गई कार्रवाई प्रकरण पर महिला आयोग ने सुनवाई करते हुए दुर्ग कलेक्टर को महिला महाविद्यालय का संचालन अपने हाथों में लिये जाने की अनुशंसा की है।
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने भिलाई महिला महाविद्यालय के 7 सहायक प्राध्यापकों को नियम विरुद्ध समय से पहले सेवानिवृत्त करने को प्रबंधन की मनमानी तरीके से की गई कार्रवाई मानते हुए महाविद्यालय के ट्रस्टी द्वारा मनमाने तरीके से संस्था का संचालन करने की बातें कहीं। आयोग की सुनवाई में जानबूझकर अनावेदक की अनुपस्थिति को गम्भीर मानते हुए प्रकरण को दुर्ग कलेक्टर को जांच करने तथा छात्रों एवं कॉलेज के भविष्य को देखते हुए कलेक्टर महाविद्यालय के प्रबंधन और प्रशासन को अपने क्षेत्राधिकार लेकर कर्रवाई करने कहा।
परिजनों के द्वारा पति-पत्नी के गृहस्थ जीवन में परिजनों द्वारा हस्तक्षेप किए जाने पर आयोग ने उनसे कहा कि वे उनके गृहस्थ जीवन में दखलंदाजी न करें। इसके बाद दोनों पक्षो के बीच राजी नामा व समझौता हुआ। जिसके अनुसार पति पत्नि अब एक साथ रहकर पारिवारिक जीवन व्यतीत करेंगे। इसकी निगरानी के लिए आयोग द्वारा निरीक्षक भी नियुक्त किया गया है। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला को उनके बेटे, बहू और पोते द्वारा शारीरिक एवं मानसिक प्रताडि़त करने का मामला प्रस्तुत हुआ। इस पर सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष डॉ नायक ने बेटे-बहू को बुजुर्ग के निजी मकान में दखल नहीं करने की समझाइश दी। बुजुर्ग विधवा महिला वर्तमान में निजी मकान से मिलने वाली किराये की राशि से अपनी जीविका निर्वाह करती है। अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह बुजुर्ग महिला के साथ बर्ताव घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है। परिवारजनों को समझाइश दी गई कि बुजुर्ग महिला के साथ भविष्य में किसी प्रकार की मारपीट या अभद्र व्यवहार न करे।
नवापारा के नगर पालिका में कार्यरत इंजीनियर द्वारा सम्पत्ति विवाद को लेकर नगर पालिका में ही कार्यरत आवेदिका को दुर्भावनावश बेवजह बार बार नोटिस दिया जा रहा था। इस पर दोनों पक्षों को विवाद के लिए न्यायालय में जाने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का कार्य महिला प्रताडऩा एवं उत्पीडऩ से सम्बंधित प्रकरणों का निराकरण करना है। इस तरह अनावश्यक आवेदन देकर आयोग का समय बर्बाद न करें।
विगत वर्ष स्काई लाइन लॉजिस्टिक ब्लॉक नंबर 8 ट्रांसपोर्ट नगर रावाभाठा के वाहन चालक का वाहन सुनकी घाट के पास विशाखापट्टनम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में वाहन चालक स्थाई रूप से अपाहिज हो गया। इसके फलस्वरूप वाहन चालक के परिवार के समक्ष आर्थिक तंगी की स्थिति बन गयी वाहन चालक की पत्नी द्वारा अपने पति के इलाज एवं अन्य क्षतिपूर्ति के लिए आयोग के समक्ष गुहार लगाई।
इस प्रकरण पर आयोग के अध्यक्ष डॉ नायक ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक को पीडि़त पक्ष को क्षतिपूर्ति राशि देने हेतु कहा जिस पर ट्रांसपोर्ट मालिक ने आवश्यक क्षतिपूर्ति देने से इंकार कर दिया। इस पर अध्यक्ष ने पीडि़त पक्ष को सम्बंधित थाना क्षेत्र में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए न्यायालय के शरण में जाने की समझाइश दी। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज विभिन्न जिलों की महिलाओं द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में जन सुनवाई की। आज प्रस्तुत प्रकरण में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताडऩा, दहेज प्रताडऩा, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे। सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व फिजीकल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाईजर का प्रयोग करते हुए कार्यवाही प्रारंभ की गई।
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