भिलाई
छंटनी के खिलाफ सफाई कामगारों का आमरण अनशन अब नाजुक हालात तक पहुंच चुका है। 22 में से 9 की हालत खराब हो चुकी है। पांच सफाई कामगार गंभीर रूप से बीमार हो चुके हैं। महिलाएं बेहोशी की हालत में आ चुकी हैं। जिला चिकित्सालय की टीम ने सभी की सेहत की जांची। पांच गंभीर कामगारों को तत्काल भर्ती होने के लिए बोला गया है। चिकित्सकों की टीम ने दवाइयां दीं, लेकिन उसे लेने से भी इन्कार कर दिया गया है।
ठेका प्रथा के अधीन काम करने वाले सफाई कामगारों ने छंटनी के खिलाफ 29 दिसंबर से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की थी। बहाली नहीं होने पर पांच दिसंबर से आमरण अनशन शुरू कर दिया गया है। भूखे-प्यासे बैठे आंदोलनकारियों की सेहत खराब होने पर मेडिकल टीम जांच कर रही है। शनिवार सुबह 11 बजे मेडिकल टीम पहुंची। बारी-बारी से जांच की गई। गंभीर हालत से जूझ रहे पांच सफाई कामगारों को भर्ती करने के लिए एम्बुलेंस बुलाने के लिए बोला गया। कामगारों ने अस्पताल जाने और दवा लेने से मना कर दिया। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है।
सीटू ठेका यूनियन के अध्यक्ष जमील अहमद ने बताया कि आमरण अनशन कर रहे श्रमिकों की सुध लेने प्रबंधन की तरफ से कोई अब तक नही पहुंचा है। बताते चलें कि आमरण अनशन का आज पांचवां दिन हो गया है। प्रबंधन को रिवर्स आक्शन जैसे सिस्टम में सुधार की अतिशीघ्र पहल की जरूरत है। अन्यथा इसी तरह अपने मुनाफे के लिए लागत से कम दर में ठेका लेकर ठेकेदार द्वारा उल्टा-सीधा काम किया जाता रहेगा। इसी तरह से पूरा वेतन मांगने पर मजदूरों की छंटनी होती रहेगी। संयत्र व मजदूरों का अहित जारी रहेगा।
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