छत्तीसगढ़

आनलाइन संगीत सभा में इंदौर की स्मिता दामले मोकाशी ने बांधा समां

रायपुर
प्रत्येक रविवार को सुबह 10 बजे आनलाइन होने वाले गुनरस पिया संगीत सभा में इंदौर की स्मिता दामले मोकाशी ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देकर संगीत रसिकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गायन की शुरूआत राग-ललित से करते हुए मध्यलय त्रिताल की पारंपरिक बंदिश जोगिया मोरे घर आए प्रस्तुत किया। इसके बाद द्रुत एकताल में जा जा रे जा रे बलम, ठुमरी और याद पिया की आए, ये दुख सहा नहीं जाए से की। अंत में भजन एक सुर चराचर छायो गाकर कार्यक्रम का समापन किया।

संगीत सभा में हारमोनियम पर भरत जोशी एवं तबले पर दीपक व्यास ने संगत दी। दोनों की जुगलबंदी ने शास्त्रीय गायन सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर दिया श्रोताओं ने गायन, वादन को लगातार दाद दी। शास्त्रीय गायिका स्मिता दामले मोकाशी ने अपने गुरुओं प्रसिद्ध कलाकार पंडित अजय पोहनकर, पं नलिन धोलकिया, स्व.सुरेश ताम्हणकर एवं डॉ शशिकांत तांबे को याद किया। उन्होंने कहा कि इन गुरुओं की बदौलत ही उन्हें शास्त्रीय गायन में पहचान मिली है।

गुनरस पिया फाउंडेशन के संयोजक दीपक व्यास ने बताया कि कोरोना काल में देश-विदेश के कलाकारों को फेसबुक के माध्यम से कार्यक्रम प्रस्तुति हेतु अवसर दिया जा रहा है। गुनरस पिया फाउंडेशन शास्त्रीय संगीत के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार हेतु लगातार कार्य कर रहा है। रविवार को 29 वीं प्रस्तुति दी गई। इसका फेसबुक पर लाइव प्रसारण किया गया। इसमें रायपुर, बिलासपुर, इंदौर, बनारस, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई समेत अनेक शहरों से शास्त्रीय गायन के सुधीजन श्रोता आन लाइन शामिल हुए और कार्यक्रम को सराहा।

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