उत्तर प्रदेश

 अयोध्या राम मंदिर: आज निर्माण स्थल का  जायजा लेगी विशेषज्ञों की टीम

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 अयोध्या 
रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर की नींव के लिए भी करीब चार लाख घनफुट पत्थरों की जरुरत है। यह पत्थर उत्तर प्रदेश की विंध्य पहाड़ियों से आएंगे। बताया गया कि राजस्थान के भरतपुर स्थित बंशी पहाड़पुर के पत्थरों की आवश्यकता सुपर स्ट्रक्चर के लिए होगी। यह पिंक स्टोन है और साफ्ट है और इन्हें गढ़ने में भी सुविधा होती है। इसके विपरीत विंध्य पहाड़ियों के पत्थर बंशी पहाड़पुर के मुकाबले ज्यादा हार्ड हैं। ऐसे में इनका नींव में उपयोग हो सकेगा।

यह जानकारी राम मंदिर मॉडल के शिल्पकार आशीष सोमपुरा ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि सुपर स्ट्रक्चर में बंशी पहाड़पुर के ही पत्थर लगेंगे लेकिन वहां से कानूनी रूप से पत्थरों की निकासी पर रोक लगी है। इस सम्बन्ध में रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से प्रयास किया जा रहा है। उधर विंध्य पहाड़ियों के पत्थरों को मिर्जापुर से मंगवाना सुविधाजनक तो है ही। इसके साथ यह पत्थर यहां के वातावरण के भी अनुकूल हैं।

उन्होंने बताया कि एलएण्डटी की ओर से नए सुझाव के हिसाब से डिजाइन तैयार कराई जा रही है। यह डिजाइन तैयार करने के बाद ही पत्थरों के वास्तविक मात्रा की गणना हो सकेगी। उसके अनुसार ही आपूर्ति के लिए आर्डर दिया जाएगा।
  

रामजन्मभूमि में मंदिर निर्माण स्थल का भौतिक सत्यापन और तकनीकी जांच के लिए राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के विशेषज्ञों की टीम शनिवार को यहां पहुंचेगी। राम मंदिर के शिल्पकार आशीष सोमपुरा का कहना है कि एलएण्डटी की ओर से डिजाइन तैयार कराने से पहले इन विशेषज्ञों की टीम स्थलीय निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन करेगी। पुन: आवश्यक जांच के उपरांत डिजाइन तैयार कराने में मदद देगी। उधर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र ने कहा कि तकनीकी मामलों को तकनीकी विशेषज्ञ ही समझ सकते हैं।
 

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