पटना
बिहार में पासपोर्ट बनवाने की ललक तेजी से लोगों में बढ़ रही है और अब यहां सालाना औसतन साढ़े 3 से 4 लाख पासपोर्ट बनने लगे हैं। लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार केंद्रीय विदेश मंत्रालय का पूरा सहयोग कर रही है। राज्य के 40 लोकसभा क्षेत्रों में से 39 में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोल दिए गए हैं। इससे तकरीबन सभी जिलों के मुख्यालय कवर हो गए हैं। इसी क्रम में पटना के गर्दनीबाग में डेढ़ एकड़ जमीन पासपोर्ट के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने के लिए उपलब्ध कराई गई है। इसके डिजाइन को जल्दी ही अंतिम रूप देकर इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
अब सिर्फ एक लोकसभा क्षेत्र वाल्मीकि नगर (बगहा) में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलना बचा हुआ है। यहां भी इसे जल्दी ही खोलने को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। पटना और दरभंगा में पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) है। जबकि अन्य स्थानों पर पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) खोले गए हैं। ये केंद्र संबंधित जिला या इसके मुख्यालयों में मौजूद पोस्ट ऑफिस में खोले गए हैं। पटना स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के स्तर से लोगों को जिला या लोकसभा क्षेत्रवार खोले गए पासपोर्ट सेवा केंद्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है, जिससे संबंधित क्षेत्र के लोग अपने यहां से ही इसके लिए आवेदन कर सकें। उन्हें पटना या दरभंगा आने की आवश्यकता महसूस नहीं हो। बिहार में कई जिले ऐसे हैं, जहां पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या अधिक है। इनमें सीवान, गोपालगंज, पटना, पूर्णिया, दरभंगा, किशनगंज समेत अन्य जिले शामिल हैं। जिन जिलों में पासपोर्ट बनवाने के आवेदन अधिक आते हैं, वहां इनका निपटारा जल्द कराने के लिए पटना स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय की तरफ से मोबाइल वैन कैंप भी लगाए जाते हैं। इनमें लंबित आवेदनों का निपटारा जल्द कराया जाता है। हाल में ऐसे मोबाइल कैंप सीवान में दो, गोपालगंज में दो, पूर्णिया में एक, पटना एम्स के पास एक और बोधगया स्थित आईआईएम में एक कैंप लगाया गया था। इन स्थानों पर 3 दिनों तक लगाए गए कैंप में करीब 160 आवेदनों का निपटारा कराया गया। समय-समय पर आवेदनों की संख्या के आधार पर जिलों या संबंधित स्थानों पर ऐसे मोबाइल कैंप लगाए जाते हैं।
राज्य में पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों की संख्या में 2020 की तुलना में 2024 यानी 5 वर्षों में बढ़कर दोगुनी से अधिक हो गई। 2020 में 1 लाख 71 हजार लोगों को पासपोर्ट जारी किए गए थे। वहीं, 2024 में यह संख्या बढ़कर 3 लाख 86 हजार से अधिक हो गई। हालांकि 2019 और 2020 में कोविड-19 की वजह से भी पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गई थी। परंतु इसके पहले के वर्षों से भी तुलना करें, तो भी हाल के वर्षों में इसे बनवाने वालों की संख्या में एक लाख से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 2018 में 2 लाख 57 हजार से अधिक लोगों ने पासपोर्ट बनवाए। जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 3 लाख 86 हजार से अधिक हो गई। स्वधा रिजवी (क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, पटना) ने बताया कि सभी जिलों के लोगों को उनके जिला मुख्यालय या पास के चिन्हित स्थान पर ही पासपोर्ट बनवाने की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए एक को छोड़कर अन्य 39 लोकसभा क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोल दिए गए हैं, जिससे लोगों को किसी तरह की समस्या नहीं हो। लोगों की सुविधा के लिए आवश्यकतानुसार चुनिंदा स्थानों पर मोबाइल कैंप भी लगवाए जाते हैं।
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