छत्तीसगढ़

ED कार्रवाई पर कांग्रेस के आरोप निराधार: डिप्टी सीएम अरुण साव का पलटवार

रायपुर

 

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने शराब घोटाले मामले में ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं का आरोप बेबुनियाद और निराधार है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले मामले में ईडी की कार्यवाही भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते शुरू हुई थी। इससे पहले प्रदेश में शराब घोटाले की जानकारी आम लोगों तक पहुंच चुकी थी। प्रदेश में दो काउंटर लगाकर शराब बेची जा रही थी। ईडी की वहीं जांच की कार्रवाई क्रमशः आगे बढ़ रही है जिन लोगों के खिलाफ ईडी को साक्ष्य और तथ्य मिल रहे हैं, उन लोगों के खिलाफ ईडी कार्यवाही कर रही है।

डिप्टी सीएम साव ने नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश में ईडी की लगातार जांच चल रही है। जांच एजेंसी ने कोई पहली बार कार्यवाही नहीं की है। कांग्रेस नेताओं की ओर से केवल राजनीतिक बयानबाजी की जा रही है। भ्रम फैलाया जा रहा है, जो इनकी सबसे सरल पॉलिटिकल रेसिपी है । साव ने कहा कि कांग्रेस नेता केवल गंभीर आरोप से बचने के लिए उल्टा राजनीतिक आरोप लगा रहे हैं, ये कांग्रेस की आदत रही है। यह सब छत्तीसगढ़ की जनता को पता है। केवल आरोप लगाकर गंभीर अपराध के दोष से नहीं बच सकते।

छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने 20 मई 2025 को प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की थी। दुर्ग-भिलाई, महासमुंद, धमतरी, रायपुर समेत 20 से ज्यादा जगहों पर टीम ने दबिश दी थी। दुर्ग-भिलाई में 22 जगहों पर कार्रवाई हुई थ। एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमें चार गाड़ियों में मंगलवार सुबह पांच बजे भिलाई पहुंची थी। महासमुंद जिले के सांकरा और बसना में भी छापेमारी हुई थी।  प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री रह चुके कवासी लखमा के करीबियों के ठिकानों पर कार्रवाई की गई थी।

दुर्ग-भिलाई में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम शराब घोटाले से जुड़े कारोबारियों के यहां पहुंची थी। भिलाई के आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल की फेब्रीकेशन और अन्य चीजों की फैक्ट्री है। अशोक अग्रवाल पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी हैं। उन पर लखमा के साथ मिलकर शराब घोटाले को अंजाम देने का आरोप है।  

इसके अलावा एसके केजरीवाल, नेहरू नगर भिलाई, विनय अग्रवाल, खुर्सीपार,संजय गोयल, डायरेक्टर स्पर्श हॉस्पिटल, नेहरू नगर,विश्वास गुप्ता बिल्डर, दुर्ग,बंसी अग्रवाल, नेहरू नगर भिलाई,आशीष गुप्ता, डायरेक्टर, आशीष इंटरनेशनल होटल सुपेला, नेहरू नगर स्थित घर में कार्रवाई हुई थी।

महासमुंद जिले के सांकरा में किराना व्यवसायी कैलाश अग्रवाल और बसना में एलआईसी एजेंट जय भगवान अग्रवाल के यहां ईओडब्लू की दबिश दी थी। शराब घोटाला मामले में ईओडब्लू ने दोनों व्यवसायी के घर टीम पहुंची थी। चार वाहनों में करीब 20 सदस्यीय टीम रिकॉर्ड खंगालने के लिए पहुंची थी। जय भगवान अग्रवाल भिलाई के पप्पू बंसल के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं। पप्पू बंसल के यहां शराब से जुड़े मामले में पहले भी छापा पड़ चुका है।

धमतरी में भी छापा
उधर, धमतरी जिले में अशोक अग्रवाल के दामाद सौरभ अग्रवाल के यहां भी टीम पहुंची थी। बैंक के कागजातों की छानबीन की थी।

17 मई 2025 को भी पड़ी थी रेड
17 मई 2025 को एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारी थी। शनिवार की एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। राजधानी रायपुर,  दंतेवाड़ा, अंबिकापुर, सुकमा, तोंगपाल और जगदलपुर समेत लगभग 15 ठिकानों पर ईओडलब्यू की टीम ने दबिश दी थी। सुकमा जिला मुख्यालय में चार  ठिकानों पर रेड कार्रवाई की गई थी।

ईडी ने पेश किया था 3 हजार 841 पन्ने का चालान
दो हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 13 मार्च को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में 3 हजार 841 पन्नों का चालान दाखिल किया है। इसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा सहित 21 लोगों को आरोपियों के नाम हैं। इन आरोपियों में रायपुर के पर्व मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवेरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य 21 लोगों के नाम शामिल हैं।

जेल में बंद हैं कवासी लखमा
ईडी ने शराब घोटाले केस में 15 जनवरी को प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व  उनसे दो बार ईडी ऑफिस में बुलाकर पूछताछ हुई थी। गिरफ्तारी के सात दिन बाद पहले आबकारी मंत्री लखमा को पहले ईडी ने सात दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। फिर 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड लिया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद  18 फरवरी तक लखमा की रिमांड बढ़ा दी थी।  लखमा के बेटे हरीश लखमा से भी ईडी ने पूछताछ की थी।

जनवरी 2024 में हुई थी एफआईआर
एसीबी और ईओडब्ल्यू ने ईडी के पत्र के आधार पर जनवरी 2024 में एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टरमाइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस और अन्य सरकारी ऑफिसर और लोग सहयोग किये थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस ऑफिसर हैं, जब  घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी थे। वहीं अनवर ढेबर रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई और शराब कारोबारी है।

100 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर
ईडी ने शराब और कोयला घोटाला मामले में दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। इनमें भूपेश सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके कवासी लखमा, मंत्री मरजीत भगत, पूर्व विधायक, गुलाब कमरो, शिशुपाल, बृहस्पत सिंह, चंद्रदेव प्रसाद राय, यूडी मिंज, विधायक देवेंद्र यादव के नाम शामिल हैं। इनके अलावा 2 निलंबित आईएएस (समीर विश्नोई, रानू साहू), रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर और कांग्रेस कोषाध्यक्ष समेत अन्य के नेताओं के नाम शामिल हैं।

ऐसे खुला राज!
ईडी की चांच में पता चला कि टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से कमीशन लिया गया था। इस मामले में जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने अरेस्ट किया तो उसने कांग्रेस सरकार में सीएसएमसीएल में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, रायपुर महापौर के बड़े भाई शराब कारोबारी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया। जब ईडी ने इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे हुए। फिर साल 2024 में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया। ED की जांच में पता चला है कि लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमिशन मिलता था।

शराब घोटाले केस में अब तक ये अरेस्ट
सेवानिवृत्त आईएएस ऑफिसर अनिल टुटेजा
शराब कारोबारी अनवर ढेबर (रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई)
अरुण पति त्रिपाठी (तत्कालीन सीएसएमसीएल के एमडी)
अरविंद सिंह
नितेश पुरोहित
सुनील दत्त
त्रिलोक सिंह  ढील्लन (कारोबारी)
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा
विकास अग्रवाल
अनुराग द्विवेदी
अनुराग सिंह
दिलीप पांडे
दीपक द्वारी
चैतन्य बघेल

 

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